क्या जस्टिस लोया के बेटे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए किसी का दबाव था ?

क्या जस्टिस लोया के बेटे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए किसी का दबाव था ?

नई दिल्ली। जस्टिस बी एच लोया की संदिग्ध मौत को लेकर उठ रहे सवालो के बीच अचानक ही जस्टिस लोया के बेटे अनुज मीडिया के समक्ष प्रगट होते हैं और कहते हैं कि उनका परिवार मीडिया रिपोर्ट्स दुखी है, उन्होंने कहा कि उनके परिवार को और परेशान न किया जाए, वह इससे बाहर निकलना चाहते हैं। उन्होंने मीडिया से यह भी कहा कि वे इस मामले का राजनीतिकरण नहीं चाहते।

यहाँ एक ही बात के दो पहलू हैं। पहला यह कि जस्टिस लोया के बेटे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस तब की जब सुप्रीमकोर्ट के चार न्यायाधीशों ने 12 जनवरी को चीफ जस्टिस को लिखे अपने पत्र में जस्टिस लोया की मौत का का ज़िक्र करते हुए उनकी मौत की हाई लेवल जांच की मांग कर चुके थे और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जस्टिस लोया की संदिग्ध मौत को लेकर सवाल उठाये थे।

जस्टिस लोया के बेटे अनुज का मीडिया से यह कहना कि वे इस मामले का राजनीतिकरण नहीं चाहते, ये ठीक वैसा ही है जैसा बार काउन्सिल के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने सुप्रीमकोर्ट के चार न्यायाधीशों द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस किये जाने के बाद कहा था कि “हमने राहुल गांधी और अन्य राजनैतिक दलों को अपनी न्यायिक व्यवस्था के बारे में बोलने का मौका दिया, ये दुर्भाग्यपूर्ण है।”

जस्टिस के बेटे अनुज द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करने का एक और भी पहलू है, जो सोशल मीडिया पर उभर कर सामने आया है। एक वीडियो में अनुज लोया पत्रकारों से बात करते समय एक कागज पर लिखी कुछ लाइनों को पढ़ते दिखाई दे रहे हैं।

 

सवाल यह है कि अनुज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो कुछ कहा वह बहुत संक्षिप्त और सादा था। उन्हें मीडिया को न कोई आंकड़े देने थे और न ही कोई तथ्य बताने थे, फिर उस कागज पर क्या लिखा था जिसे उन्हें देखना पड़ रहा था। सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि जस्टिस लोया के बेटे को यह कागज आखिर किसने लिख कर दिया और क्यों लिख कर दिया गया ?

इस वीडियो में साफ़ दिखाई दे रहा है कि जस्टिस लोया के बेटे अनुज के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद एक व्यक्ति बहुत जल्दबाज़ी में है और वह जस्टिस लोया के बेटे को मीडिया के समक्ष अधिक नहीं बोलने दे रहा और स्वयं बीच बीच में इनपुट भी दे रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह व्यक्ति अमित नायक हैं जो लोया परिवार के वकील हैं।

इस मामले का एक पहलु यह भी उभर कर सामने आया है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में जस्टिस लोया के पुराने मित्र काटके के मूँह से निकल गया कि इस मामले में हमने अमित शाह से सम्पर्क किया जिसके बाद यह प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई है।

 

उन्होंने कहा कि जस्टिस लोया की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है, लोग उनके परिवार को बेवजह परेशान कर रहे हैं।काटके के बयान से यह तो साफ़ हो गया कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस की जानकारी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को पहले से थी।

सबसे बड़ा पेंच इन बात को लेकर है कि यदि जस्टिस लोया की मौत पर किसी को कोई संदेह ही नहीं तो फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन करके ये सफाई देने की आवश्यकता क्यों पड़ी ? यदि जस्टिस लोया की मौत में कोई पेंच नहीं है और उनकी मौत एक सामान्य मौत थी और इसके बाद भी यदि उनकी मौत की जांच की जा रही है तो इसमें आपत्ति क्या है ?

सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या जस्टिस लोया के बेटे अनुज पर किसी का दबाव काम कर रहा है ? क्या उसी दबाव में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह सफाई दी गयी कि जस्टिस लोया की मौत पर किसी को संदेह नहीं है। अगर यह सच है तो जस्टिस लोया की मौत के बाद उनके परिजनों पर किसका दबाव है यह भी जांच का विषय होना चाहिए।

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TeamDigital