कानून की पाठशाला: गाँव में सिविल जज ने लगाई पाठशाला, ग्रामीणों ने दिखाई रुचि
ब्यूरो (राम मिश्रा,अमेठी): जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में बुधवार को मुसाफिरखाना विकास खण्ड के मझगवाँ में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
इस शिविर में भाग लेने वाले लोगों को सिविल जज -अवर खण्ड मुसाफिरखाना स्वतंत्र सिंह रावत द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण व अन्य योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई ।
इस शिविर मे वक्ताओ द्वारा जहां कानूनी जानकारी दी गई। वही विभागीय अधिकारियों ने सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओ की जानकारी शिविर में आये लोगो को दी ।
अपने सम्बोधन में सिविल जज स्वतंत्र सिंह रावत ने कहा कि कानून साधारण भाषा मे वह नियम है, जो हमारे जीवन को सुव्यवस्थित करने हेतु लिपिबद्ध किये गये है।
उन्होंने कहा कि जीवन में जटिलतायें बढ रही है और कोई ऐसा पक्ष नही है जिसके बावत कानून नही बनाया गया हो। भारत वर्ष में विविधि विषयोंं पर अधिनियम और नियम और विनियमों की भरमार है तथा कानून बनाने की यह प्रक्रिया अनवृत्त जारी है।
उन्होने कहा कि भारतीय संविधान मे यह अपेक्षा की गई है कि प्रत्येक नागरिक को सामाजिक आर्थिक और राजनैतिक न्याय प्राप्त हों इसी उददेश्य से आम जनता के हित को सुरक्षित रखने के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 का कानून बनाया गया है और इस अधिनियम के द्वारा असहाय और निर्बल वर्गो को कानूनी सहायता प्रदान करने का प्रयास किया गया है।
सिविल जज ने बताया कि विधिक साक्षरता शिविर का उददेश्य है कि विधिक अधिकारो एवं कर्तव्यो की जानकारी समाज को देना है। इसी क्रम में महिला हिंसा,महिला एवं बाल उत्पीडन,अधिनियम,बालश्रम,पाॅक्सो एक्ट,बाल विवाह,जुनाइल एक्ट,साइबर क्राइम की विस्तृत जानकारियां दी।
तहसीलदार मुसाफिरखाना घनश्याम भारतीय ने कहा कि इस प्रकार के शिविरो का आयोजन न्याय पालिका का सक्रिय एवं प्रशंसनीय कदम है। उन्होने कहा कि नियम कानून हमारी सहुलियत के लिए बनाये गये है इसलिए हमें इनका पालन करना चाहिए।
इस अवसर पर नायब तहसीलदार मुसाफिरखाना,अधिवक्ता संघ मुसाफिरखाना के महासचिव सुनील कुमार श्रीवास्तव,ग्राम प्रधान मझगवाँ,सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।