कश्मीर पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने फिर की मध्यस्थता की पेशकश
नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से फोन पर बातचीत के एक दिन बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर कश्मीर को लेकर भारत पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की है।
ट्रंप ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, “कश्मीर एक बेहद जटिल जगह है। यहां हिंदू हैं और मुसलमान भी हैं। और मैं नहीं कहूंगा कि उनके बीच काफी मेलजोल है। मध्यस्थता के लिए जो भी बेहतर होगा मैं वो करूंगा।” उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष सप्ताहांत में यह मुद्दा उठाएंगे।
इससे पहले सोमवार को पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच करीब आधा घंटे तक फोन पर बातचीत हुई थी। जिसके बाद ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से भी फ़ोन पर बात की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रंप ने इमरान खान को बयान देते समय संयम बरतने की सलाह दी थी।
गौरतलब है कि इससे पहले भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश कर चुके हैं। हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अमेरिका गए हुए थे, इस दौरे पर डोनाल्ड ट्रंप और उनके बीच कश्मीर के मुद्दे पर भी चर्चा हुई थी। इसी बैठक के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच ‘मध्यस्थ’ बनने की पेशकश की थी।
ट्रंप ने 22 जुलाई को दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करने को कहा था। साथ ही उन्होंने कहा था कि यदि भारत और पाकिस्तान चाहेंगे तो वह कश्मीर मामले में हस्तक्षेप करने को तैयार हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति का दावा था कि पीएम मोदी और उन्होंने पिछले महीने जापान के ओसाका में जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर कश्मीर मुद्दे पर चर्चा की थी, जहां पीएम मोदी ने उन्हें कश्मीर पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की पेशकश की थी। हालांकि भारत ने सीधे तौर पर ट्रंप की इस पेशकश को खारिज कर दिया था।
वहीँ अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा कश्मीर मामले में भारत पाक के बीच मध्यस्थता करने की पेशकश पर फ़्रांस ने कहा है कि यह द्विपक्षीय मामला है। बता दें कि 24 अगस्त को फ्रांस में होने वाले जी7 बैठक में पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात होनी है। इससे पहले ट्रंप ने फिर एक बार मध्यस्थता का प्रस्ताव दिया है।