कर्नाटक मामले पर राज्य सभा में कांग्रेस का हंगामा

कर्नाटक मामले पर राज्य सभा में कांग्रेस का हंगामा

नई दिल्ली। कर्नाटक में बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगा रही कांग्रेस के सदस्यों ने आज राज्य सभा में जमकर हंगामा किया। हंगामे के चलते राज्य सभा की कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

इससे पहले आज सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। उन्होंने सदन को सूचित किया कि कांग्रेस के राजीव गौड़ा और कपिल सिब्बल ने शून्यकाल स्थगित करने के लिए नियम 267 के तहत दो नोटिस दिए हैं जिन्हें स्वीकार नहीं किया गया है।

इस पर कांग्रेस के सदस्यों ने विरोध जताया। नायडू ने कांग्रेस सदस्यों से शोर न करने और सदन की कार्यवाही को विधिवत चलने देने के लिए आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कल इस सदन की कार्यवाही बाधित होने की वजह से यहां कोई कामकाज नहीं हो पाया जबकि लोकसभा में कल रात 11 बजे तक कामकाज हुआ।

कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने सभापति से कहा कि उन्होंने एक नोटिस दिया था। इस दौरान सभापति तृणमूल कांग्रेस के डोला बनर्जी को उनका मुद्दा उठाने की अनुमति दे चुके थे।

सिब्बल के साथ कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने भी कर्नाटक में हो रहे राजनीतिक घटनाक्रम का मुद्दा उठाया और सदन में हंगामा शुरू हो गया। पार्टी के कुछ सदस्य आसन के समक्ष आ कर नारे लगाने लगे। इसके बाद सदन की कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

गौरतलब है कि कर्नाटक में कांग्रेस जेडीएस के 13 विधायकों के इस्तीफे से राज्य की कुमार स्वामी सरकार के ऊपर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। कांग्रेस ने विधायकों के इस्तीफा देने के पीछे बीजेपी का हाथ बताया है। बेंगलुरु में आज कांग्रेस और जेडीएस विधायक राज भवन का घेराव करेंगे।

इससे पहले कल बेंगलुरु पहुंचे कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि देश में लोकतंत्र का खात्मा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर राज्यपाल पक्षपात पूर्ण रवैया अपना रहे हैं।

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राज्य के बाद राज्य विपक्षी पार्टियों की सरकारें गिराई जा रही है। आजाद ने कहा कि भारत सरकार इसके लिए राज्यपालों का इस्तेमाल कर रही है। अरुणाचल प्रदेश से लेकर कर्नाटक तक राज्यपाल दलबदलुओं का साथ दे रहे हैं और कांग्रेस से बाहर आने में उनकी मदद कर रहे हैं। हम देश के लोगों से उम्मीद करते हैं कि लोकतंत्र बचाने के लिए आगे आएं।

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TeamDigital