कर्नाटक: दो कांग्रेस और एक निर्दलीय विधायक की सदस्यता समाप्त

कर्नाटक: दो कांग्रेस और एक निर्दलीय विधायक की सदस्यता समाप्त

बेंगलुरु। कर्नाटक में विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार ने विधायकों के इस्तीफे मामले में कार्रवाही कटे हुए कांग्रेस के दो और एक निर्दलीय विधायक की सदस्यता समाप्त करने की सिफारिश की है।

स्पीकर ने यह भी कहा कि विधायकों के इस्तीफे का मामला काफी जटिल है, ऐसे में वह जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि 10वीं अनुसूची के एंटी डिफेक्शन लॉ के तहत इनकी सदस्यता समाप्त की गई है।

के आर रमेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि वह अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करेंगे और सुप्रीम कोर्ट ने जो भरोसा उनमें दिखाया है, उसे वह बरकरार रखेंगे। उन्होंने कहा कि बागी विधायकों को उनके समक्ष उपस्थित होने का अब और मौका नहीं मिलेगा और अब यह अध्याय बंद हो चुका है।

गौरतलब है कि बागी विधायकों ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया था। बागी विधायकों के इस्तीफे के चलते राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस सरकार अल्पमत में आगयी थी और विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग में सरकार के पक्ष में 99 वहीँ विपक्ष में 105 वोट पड़े थे। जिसके नतीजतन राज्य की गठबंधन सरकार गिर गयी।

विधानसभा स्पीकर ने जिन तीन विधायकों की सदस्यता समाप्त किये जाने की सिफारिश की है उनमे नमें निर्दलीय विधायक आर शंकर के अलावा कांग्रेस के रमेश एल जरकीहोली और महेश कुमाथल्ली के नाम शामिल हैं।

वहीँ दूसरी तरफ सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए बीजेपी विधायकों के इस्तीफे पर फैसले का इन्तजार कर रही है। बीजेपी प्रवक्ता जी मधुसूदन ने कहा था, ‘इस्तीफों के स्वीकार किए जाने तक विधानसभा का संख्या बल 225 बना रहेगा, इसमें एक नामित सदस्य भी शामिल है, जैसा कि बागी भी अभी सदस्य हैं, इस तरह से साधारण बहुमत के लिए 113 संख्या जरूरी है। दो निर्दलीयों के समर्थन से हमारी संख्या 107 है, जो बहुमत से 6 कम हैं।’

उन्होंने कहा कि अगर विधानसभा अध्यक्ष इस्तीफा स्वीकार कर लेते हैं या सदस्यों को अयोग्य करार देते हैं तो विधानसभा का संख्या बल घटकर 210 हो जाएगी और आधी संख्या 106 हो जाएगी, जिससे बीजेपी दो निर्दलीयों के सहयोग से सरकार बनाने में सक्षम होगी।

मधुसूदन ने कहा था, ‘अगर विधानसभा अध्यक्ष व शीर्ष अदालत को फैसले में समय लगता है तो राज्यपाल राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं और विधानसभा को निलंबित रख सकते हैं, तब हम दावा करने की स्थिति में हो सकते हैं और अपने बहुमत पर सरकार बना सकते हैं।’ अगर बागी विधायकों का इस्तीफा स्वीकार किया जाता है या वे अयोग्य करार दिए जाते हैं तो 15 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 6 महीने के की अवधि के अंदर चुनाव कराये जायेंगे।

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TeamDigital