कर्नाटक: कांग्रेस-जेडीएस में बैठकों का दौर जारी, दो निर्दलीय और 03 बागी विधायकों से बातचीत
नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा में कल कांग्रेस जेडीएस गठबंधन सरकार का भविष्य तय होना है। कल विधानसभा में सरकार की तरफ से पेश विश्वासमत पर चर्चा शुरू होगी। उससे पहले कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष को बागी विधायकों के इस्तीफा पर फैसला लेना है।
सुप्रीमकोर्ट ने बागी विधायकों की याचिका पर आज दिए फैसले में साफ़ तौर पर कहा है कि कांग्रेस-जेडी(एस) के असंतुष्ट 15 विधायकों को विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
इतना ही नहीं सर्वोच्च अदालत ने विधानसभाअध्यक्ष को उनके द्वारा उचित समझी जाने वाली अवधि के भीतर 15 असंतुष्ट विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेने की मंजूरी दी है।
कर्नाटक में गठबंधन सरकार को बचाने के लिए कांग्रेस जेडीएस के बीच बैठकों का दौर चल रहा है लेकिन सभी की नज़रें बागी विधायकों के इस्तीफे पर विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर लगीं हैं।
कांग्रेस सूत्रों की माने तो बागी विधायकों को वापस पार्टी में लाने की कवायद के तहत बातचीत जारी है, लेकिन सभी बागी विधायकों को मना पाना भी आसान नहीं है इसलिए सरकार बचाने के लिए आबश्यक नंबर जुटाना थोड़ा मुश्किल दिख रहा।
विधानसभा में विश्वास मत के दौरान सरकार बचाने की कवायद में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता बेंगलुरु में डेरा जमाये हैं। कांग्रेस नेता गुलामनबी आज़ाद, के सी वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खड़के बेंगलुरु में भी रुके हैं। वहीँ अहमद पटेल और कमलनाथ आज रात में बेंगलुरु पहुँच रहे हैं।
वहीँ दूसरी तरफ कर्नाटक की सत्ता पर निगाह जमाये बैठी है। नंबरों के हिसाब से बीजेपी की स्थति कांग्रेस जेडीएस से ज़्यादा सुखद है। इसलिए वहां सत्ता हासिल करने की तैयारियां चल रही हैं।
कर्नाटक विधानसभा में कुल 224 सीटें हैं। अगर स्पीकर को हटा दिया जाए सीटों की संख्या 223 हो जाती है। ऐसे में बहुमत के लिए 112 सीटें जरूरी हैं। मौजूदा गठबंधन सरकार के पास 116 सीट (कांग्रेस 78 +जेडीएस 37 + बसपा 1) हैं।
यदि स्पीकर ने इस्तीफे स्वीकार किये तो भी खतरा:
अगर स्पीकर बुधवार को इन बागियों के इस्तीफे मंजूर कर लेते हैं तो सरकार को बहुमत के लिए 104 विधायकों की जरूरत होगी। जबकि सरकार के पास फिलहाल 100 का आंकड़ा है। दूसरी ओर, भाजपा के पास 105 विधायक हैं और उसे दो निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन हासिल है। इस तरह उसके विधायकों की संख्या 107 होगी।
वहीँ सूत्रों से मिली एक खबर में बताया गया है कि कांग्रेस जेडीएस ने दो निर्दलीय विधायकों और 03 बागी विधायकों को मना लिया है और इस तरह उसकी संख्या 105 तक पहुँच सकती है।
सूत्रों ने कहा कि देर शाम तक स्थति साफ़ होने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि तीन बागी विधायकों और दो निर्दलीय विधायकों से अंतिम बातचीत के बाद ही विधानसभा अध्यक्ष इस्तीफ़ो पर अपना फैसला देंगे।
माना जा रहा है कि पार्टी के साथ लौटने वाले विधायकों के अलावा शेष रहे बागियों को अयोग्य ठहराने की कार्रवाही की जा सकती है। यदि तीन बागी विधायक कांग्रेस के साथ वापस आ रहे हैं और शेष 12 विधायकों को अयोग्य ठहराया गया तो 223 सदस्यों के सदन में बहुमत के लिए 106 विधायकों की आवश्यकता होगी।
फिलहाल देखना है कि देर शाम तक बागी विधायकों की तरफ से क्या प्रतिक्रिया सामने आती है और विधानसभा अध्यक्ष बागी विधायकों को लेकर क्या फैसला सुनाते हैं।