कमलनाथ के इस दांव से कराह उठी बीजेपी

भोपाल ब्यूरो (राजाज़ैद)। मध्य प्रदेश में जल्द होने जा रहे विधानसभा चुनावो में कांग्रेस ने इस बार बीजेपी को उसी के तरीके से मात देने का मन बना लिया है। चुनावी मौसम में राम नाम को लेकर आगे बढ़ने का मन बना चुकी बीजेपी पर मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ब्रेक लगा दिए हैं।
बीजेपी राम वन गमन यात्रा शुरू करने का मन बना रही थी लेकिन उससे पहले ही कमलनाथ ने कांग्रेस की तरफ से राम वन गमन पथ यात्रा शुरू कराकर बीजेपी को उसी के दांव से चुनौती दी है।
यह रथयात्रा चित्रकूट से चलकर सात जिलों की 27 सीटों से गुजरेगी। इन 27 में से 15 सीटें भाजपा, 11 कांग्रेस और एक बसपा के पास है। रास्ते में 75 बड़े मंदिर पड़ेंगे इनमें 70 राम मंदिर हैं। 820 किमी की यात्रा कर रथ 15 अक्टूबर को चित्रकूट पहुंचेगा, जहां यात्रा समाप्त होगी।
राम वन गमन पथ यात्रा शुरू कर कांग्रेस ने चुनाव से पहले ही बीजेपी का एक बड़ा ब्रह्मास्त्र ध्वस्त कर दिया है। माना जा रहा है कि कांग्रेस की इस राम वन गमन पथ यात्रा का कई जिलों में बड़ा असर पड़ सकता है।
कांग्रेस ने राम वन गमन पथ यात्रा के लिए जिन 7 जिलों को चुना है उनमे अधिकांश जगह बीजेपी के वे परम्परागत मतदाताओं वाले हैं जो धार्मिक प्रवर्ति के माने जाते हैं और पिछले कई चुनावो से बीजेपी के साथ है। यहां जितने सवर्ण हैं, उतने ही आदिवासी और अन्य भी हैं जिनका वोटो पर खासा असर रहा है।
राम वन गमन पथ यात्रा का आदिवासी मतदाताओं पर बड़ा असर हो सकता है। माना जा रहा है कि बीजेपी के दुर्ग को भेदने के लिए राम वन गमन पथ यात्रा बड़ा हथियार साबित हो सकती है।
मध्य प्रदेश में चुनावी तैयारियों में जुटी कांग्रेस गुजरात पैटर्न पर सॉफ्ट हिंदुत्व के साथ आगे बढ़ रही है। यही कारण है कि राहुल अपने दौरों में मंदिरो के दर्शन करने से नहीं चूकते।
बता दें कि राम वन गमन पथ की शुरुआत 2004 में उमा भारती की सरकार में की गई थी। इसके बाद 2007 में शिवराज ने भी पथ को बनाने का वादा किया। 2018 तक इसपर 33 करोड़ रुपये का खर्च आ चुका है।