एडीजी से मिले अखलाक के परिजन, लैब की रिपोर्ट पर उठाए सवाल
ग्रेटर नॉएडा । दादरी कांड में मारे गए अखलाक के परिवारीजन बुधवार को एडीजी लॉ एंड ऑडर्र दलजीत सिंह चौधरी से मिले। उन्होंने कहा कि घटनास्थल से आधिकारिक तौर पर मांस सीज नहीं किया गया था, इसलिए इस मामले में लैब की रिपोर्ट को सुबूत के तौर पर स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने उन्हें उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर से मिलने आए मरहूम अखलाक के बेटे सरताज और भतीजे गुलफाम के साथ उलमा काउंसिल के लुरूल हुदा और अधिवक्ता असद हयात भी शामिल थे। बता दें कि कोर्ट के आदेश पर अखलाक के परिवार पर बछड़े को मारने और उसका मांस खाने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है।
परिवारीजनों ने दलजीत चौधरी को बताया कि साजिश के तहत मांस के टुकड़े और किसी पशु के अवशेष ट्रांसफार्मर तिराहे पर फिकवा दिए, लेकिन पुलिस ने साजिश के इस पहलू पर कोई विवेचना नहीं। 29 सितंबर 2015 को जो मांस पुलिस ने बरामद किया, फर्द में उसका वजन दो किलो बताया गया था। लेकिन, लैब में जांच को करीब 4.5 किलोग्राम मांस भेजा गया।
इतना ही नहीं मथुरा की लैब में जार में रखकर मांस को जांच के लिए भेजा गया, जबकि दादरी लैब में ये प्लास्टिक के दो कंटेनरो में थे। प्लास्टिक कंटेनरों में रखा मांस कहां गायब हो गया या फिर उसी मांस को जार में रखकर मथुरा भेजा गया, इस सवाल का पुलिस कोई जवाब नहीं दे रही है। मथुरा की लैब कि रिपोर्ट में उन कारणों को नही बताया गया है, जिनके आधार पर वहां के जांचकर्ता दादरी की लैब कि रिपोर्ट से सहमत नहीं हैं।
दादरी की रिपोर्ट में साफ लिखा है कि बरामद गोश्त मटन था। परिवारीजनों ने कहा कि इन आधारों पर यह पुख्ता तौर पर कहा जा सकता है कि मथुरा लैब कि रिपोर्ट विश्वसनीय नही है और इसे सुबूत के तोर पर स्वीकार नही किया जा सकता।