एचआरडी मंत्रालय की समिति ने तीस्ता सीतलवाड़ को नफरत फैलाने का दोषी पाया!

नई दिल्ली । मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय द्वारा गठित समिति ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को नफरत फैलाने, सद्भाव बिगाड़ने और उत्तेजक लेखन से शत्रुता पैदा करने का दोषी पाया है। 2015 में तत्कालीन एचआरडी मंत्री स्मृति ईरानी ने तीस्ता के एनजीओ सबरंग ट्रस्ट के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई थी।

समिति ने मौजूदा एचआरडी मंत्री प्रकाश जावडेकर को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। समिति में सुप्रीम कोर्ट के वकील अभिजीत भट्टाचार्य, गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति एसए बारी और मंत्रालय के अधिकारी गया प्रसाद शामिल थे।

सूत्रों के मुताबिक, समिति ने कहा है कि तीस्ता के खिलाफ आईपीसी की धारा 153-ए और 153-बी के तहत मामला दर्ज करने के पूरे सबूत हैं। ये धाराएं नफरत भड़काने वाले भाषणों से जुड़ी हैं। इन धाराओं के तहत व्यक्ति को जेल और जुर्माने की सजा हो सकती है।

बताया जाता है कि समिति ने सर्व शिक्षा अभियान को जिस तरीके से धन आवंटित किया गया उस पर सवाल उठाया है। पूर्व संप्रग सरकार के दौरान यह धन आवंटित किया गया था। एनसीईआरटी की आपत्ति के बावजूद मंत्रालय ने परियोजना के लिए तीन करोड़ रुपए की मंजूरी प्रदान की थी।

हालाँकि मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि समिति ने धनराशि का गबन नहीं पाया लेकिन पूर्व सरकार ने जिस तरीके से धनराशि आवंटित की उसके लिए मंत्रालय को दोषी बताया। अगर समिति की सिफारिशों को स्वीकार किया गया तो इस प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों को भी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

इस बीच सीतलवाड़ ने कहा कि फंड के गबन का आरोप साबित नहीं हो पाया तो नफरत फैलाने का आरोप लगा दिया। उन्होंने पूछा, ‘नफरत किससे के खिलाफ? क्या आरएसएस के खिलाफ?’

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TeamDigital