एक देश- एक चुनाव: समयवद्ध सुझाव के लिए गठित होगी कमेटी, शरद पवार ने दिया बड़ा बयान

एक देश- एक चुनाव: समयवद्ध सुझाव के लिए गठित होगी कमेटी, शरद पवार ने दिया बड़ा बयान

नई दिल्ली। एक देश- एक चुनाव के लिए पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा आज बुलाई गयी विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक में तय हुआ कि इस मुद्दे पर समयवद्ध सुझाव देने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा।

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक के बाद मीडिया को बताया कि आज संपन्न हुई सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए अधिकांश दलों ने एक देश एक चुनाव का समर्थन किया है।

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी द्वारा आज बुलाई गयी सर्वदलीय बैठक में भाग लेने के लिए देश के 40 राजनैतिक दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया था। बैठक में शामिल हुए राजनैतिक दलों ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराये जाने के पीएम मोदी के विचार का समर्थन किया है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि एक देश एक चुनाव के विचार पर सभी दलों की राय जानने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति समयवद्ध तरीके से एक देश एक चुनाव के मसले पर सभी पक्षों की रायशुमारी और सुझाव एकत्रित करके तय समय के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।

उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी कमेटी का गठन करेंगे और वे ही इसका व्यौरा जारी करेंगे। पीएम मोदी द्वारा बुलाई गयी सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, बसपा तथा टीडीपी के शामिल न होने के सवाल पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कोई टिप्पणी नहीं की। हालाँकि उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव का मुद्दा सरकार का नहीं बल्कि देश का एजेंडा है।

उन्होंने कहा कि बैठक में शामिल कई दलों ने इस बात पर जोर दिया कि महात्मा गांधी के विचारों के बारे में नई पीढ़ी को बताया जाना चाहिए। इसके लिए 150वीं जयंती का आयोजन एक बेहतरीन मौका है। इस पर सभी दलों ने सकारात्मक रुख दिखाया और इसकी सराहना की।

एक देश एक चुनाव के मुद्दे पर पीएम मोदी द्वारा बुलाई गयी सर्वदलीय बैठक में शिवसेना अपनी पार्टी का स्थापना दिवस होने के कारण शामिल नहीं हो सकी। वहीँ एनडीए के घटकदलो में लोकजनशक्ति पार्टी की तरफ से रामविलास पासवान, रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से रामदास अठावले और अपना दल की तरफ से आशीष पटेल ने भाग लिया।

शरद पवार ने की नेशनल डिबेट की मांग :

वहीँ एक देश एक चुनाव के मामले में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने कहा है कि देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराये जाने के लिए संविधान में संशोधन करना पड़ेगा। हम चाहते हैं कि इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर बहस होनी चाहिए।

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TeamDigital