ऊना : दलितों ने की महारैली, वेमुला की मां ने फहराया तिरंगा, सरकार की सरदर्दी-दलित मुस्लिम भाई भाई के नारे

अहमदाबाद । गुजरात के ऊना में कथित गौरक्षकों द्वारा दलितों के साथ मारपीट के उठे दलित आंदोलन से शुरू हुई दलित अस्मिता यात्रा आज ऊना पहुंची और स्वतंत्रता दिवस के दिन दलित समुदाय के लोगों ने महारैली की। रैली में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। हैदराबाद यूनिवर्सिटी में सुसाइड करने वाले स्टूडेंट रोहित वेमुला की मां राधिका वेमुला भी शामिल हुई। उन्होंने यहां एक स्कूल के ग्राउंड में भारतीय ध्वज फहराया।

इस दौरान उन्हें सम्मानित किया गया। बता दें पिछले दिनों गुजरात के उना में दलितों को फर्जी गौ हत्या के आरोप में गाड़ी से बांधकर पीटा था। जिसके बाद से दलित समुदाय के लोग लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन में देशद्रोह का आरोप झेल रहे जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के प्रसिडेंट कन्हैया कुमार भी शामिल हुए। कन्हैया कुमार अहमदाबाद से निकले आजादी कूच में पहुंचे थे।

ऊना पहुंचे जेएनयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने फेसबुक पर इसको लेकर फोटो भी पोस्ट की है। कन्हैया कुमार ने अपनी पोस्ट में लिखा- अहमदाहबाद से चली आजादी कूच उना में जनसभा में बदली, जहां साथी रोहित वेमुला की मां और उना के पीड़ित परिवार ने मिलकर झंडा फहराया। इससे पहले कन्हैया कुमार ने ट्विटर पर ट्वीट किया- उना पहुंच चुका हूं,जातिवाद से आजादी के लिए लड़ाई में शामिल होने। #IndependenceDayIndia मगर #सच_ये_है कि गैरबराबरी से #Azadi अभी बाकी है|

ट्विटर पर खुद को अरविंद केजरीवाल का फैन बताने वाले एक शख्स ने ट्वीट किया- ज्यादातर टीवी चैनलों ने उना में दलितों के विरोध प्रदर्शन को बायकॉट करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि दिल्ली में लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए सामाजिक सद्भाव के महत्व और समाज के निचले तबके के अधिकारों के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता की बात की।

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दलित मुस्लिम भाई भाई के नारे :

दलित कहते हैं कि वह किसी और को नहीं मानते उनके लिए एक ही साहेब हैं- बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर. ‘दलित मुस्लिम भाई भाई’ये सामाजिक बदलाव और सियासी मंथन का प्रतीक रहा । गाय की राजनीति के कारण अब दलित और मुस्लिम दोनों साथ आ गए हैं।

दलितों के रूप में मुसलमानों को एक ताकत मिली है और दलितों का कहना है कि मुस्लिमों से उन्हें वह प्यार और सम्मान मिला जो ऊंची जाति के हिंदुओं ने नहीं दिया। ‘गाय तुम्हारी माता है, हमारी नहीं’ ये नारा दलितों और मुस्लिमों को साथ लाता है, साथ ही दलितों की उस भावना का भी प्रतीक है जिसमें वह हिंदुओं के प्रति अपने दिल में पनपी घृणा को छुपाना नहीं चाहते ।

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