उत्तराखंड : 13 जिलों तक फैली आग. आग पर काबू करने के प्रयास जारी
देहरादून । उत्तराखंड के जंगलों में गर्मी के कारण भड़की आग फैलती जा रही है। शनिवार तक 13 जिले आग की चपेट में आ चुके हैं। इन जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
आग पर काबू पाने के लिए एनडीआरएफ की टीमें भी लगाई गई हैं। वहीं, राज्य में सभी वन अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी गई है।
हालांकि, कुछ इलाकों में आग पर आंशिक रूप से काबू पा लिया गया है। आग में झुलसने से अब तक छह व्यक्तियों की मौत की सूचना है।
अधिकारियों के अनुसार, राज्य के अल्मोड़ा, पौड़ी और गौचर में आग का प्रभाव ज्यादा है। यहां एनडीआरएफ की एक-एक यूनिट लगाई गई है। प्रत्येक यूनिट में 45 जवान शामिल हैं। आग पर काबू पाने के लिए राज्य के वन कर्मचारी और दमकलकर्मी भी जुटे हैं।
मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि राज्य के कुमाउं तथा गढ़वाल दोनों क्षेत्र में करीब 1890 हेक्टेयर वन क्षेत्र आग की चपेट में आ चुका है। वहीं, प्रमुख वन संरक्षक बीपी गुप्ता ने बताया कि राज्य में फरवरी में आग लगने की शुरुआत हुई थी। इस साल यहां के जंगलों में आग लगने 922 घटनाएं हो चुकी हैं।
बहरहाल, धुएं की वजह से लोग बीमार भी पड़ने लगे हैं। बागेश्वर में शुक्रवार को धुएं की वजह से हुई परेशानी की शिकायत लेकर करीब 210 लोग जिला अस्पताल पहुंचे।
नैनीताल के धारी और नैनीताल तहसील में आबादी वाले क्षेत्रों तक आग पहुंच गई है। शुक्रवार को आग से दो बुजुर्गों की मौत हो गई। डीएम दीपक रावत ने बताया कि दोनों के परिजनों को मुआवजा दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले में करीब 14 हेक्टेयर का वन क्षेत्र आग की चपेट में है।
वहीं, चंपावत के धनियाबाड़ा छीनीगोठ के जंगल की आग तेज हवा के साथ आसपास के गांव तक पहुंच गई है। घटना में दो झोपडि़यां जलकर राख हो गईं। यहां रह रहे परिवार को दमकलकर्मियों ने बचाया। इसके अलावा, मंडल में 42 अन्य वन क्षेत्र में आग फैल चुकी है। रावत ने आग लगाने वालों पर पांच हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया है।