उत्तराखंड मामला : सुप्रीमकोर्ट ने मोदी सरकार से पूछे सात सवाल
नई दिल्ली । उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन पर नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से 7 सवाल पूछे हैं। केन्द्र सरकार के जवाब के बाद ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले से स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि उत्तराखंड में आगे राष्ट्रपति शासन रहेगा या नहीं।
उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने पर अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से ये 7 सवाल पूछे हैं जिनका केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को जबाव देना है ।
1. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या वर्तमान स्थिति में धारा 175(2) के तहत राज्यपाल बहुमत सिद्ध करने को कह सकते थे।
2. क्या स्पीकर के द्वारा विधायकों को अमान्य घोषित करना एक वजह थी जिसकी वजह से धारा 356 का इस्तेमाल करते हुए प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया गया।
3. क्या राष्ट्रपति उत्तराखंड विधानसभा की कार्यवाही को राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए संज्ञान में ले सकता है।
4. क्या बहुमत सिद्ध करने में हो रही देरी को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का आधार बनाया जा सकता है।
5. विनियोग विधेयक जिसके कारण उत्तराखंड सरकार गिराई गई, उसकी वर्तमान स्थिति क्या है। राष्ट्रपति शासन लगाने के बाद इसका क्या हुआ।
6. चूंकि राज्यपाल और स्पीकर दोनों ही संवैधानिक पद हैं तो क्या राज्यपाल, स्पीकर से सदन में वोट विभाजन के लिए कह सकता है।
7. अगर उत्तराखंड विधानसभा में मनी बिल फेल हो गया तो आखिर इसका निर्णय कौन करेगा जबकि स्पीकर खुद ऐसा नहीं कह रहे हैं।
संसद में भी चलता हंगामा
संसद में मंगलवार को उत्तराखंड पर राष्ट्रपति शासन के मुद्दे पर हंगामा जारी रहा। उत्तराखंड को लेकर चल रहे हंगामे में राज्यसभा 2 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। उत्तराखंड में केंद्र की भूमिका की आलोचना का जवाब देते हुए अरुण जेटली ने कहा कि उत्तराखंड विधानसभा में जो हुआ, वैसा कभी नहीं हुआ।
अरुण जेटली ने कहा कि उत्तराखंड विधानसभा में प्रेजाइडिंग ऑफिसर ने अल्पमत को बहुमत में बदल डाला। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। जेटली ने यह भी कहा कि इस मामले में चर्चा होगी लेकिन तब होगी जब उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन का मामला सदन के सामने आएगा।