ईवीएम से संतुष्ट नहीं विपक्ष, मामले को लेकर फिर सुप्रीमकोर्ट जाने की तैयारी

ईवीएम से संतुष्ट नहीं विपक्ष, मामले को लेकर फिर सुप्रीमकोर्ट जाने की तैयारी

नई दिल्ली। पहले चरण के लोकसभा चुनाव सपन्न होने के बाद विपक्ष ने ईवीएम को लेकर फिर से सवाल उठाये हैं। अब विपक्ष इस मामले को फिर से सुप्रीमकोर्ट ले जाने की तैयारी कर रहा है।

दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में विपक्ष की तरफ से आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अभिषक मनु सिंघवी ने कहा कि पहले चरण के बाद ही इस पर सवाल उठे लेकिन आयोग ने पूरा ध्यान नहीं दिया। अगर आप X पार्टी का बटन दबाते हैं तो वो Y पार्टी को जाता है। वीवीपैट पर डिस्प्ले भी 7 सेकेंड की जगह 3 सेकेंड के लिए दिखाई दिया।”

सिंघवी ने आगे कहा कि लाखों मतदाताओं के नाम बिना भौतिक सत्यापन के ऑनलाइन काट दिए गए। पार्टियों ने चुनाव आयोग को एक लंबी सूची दी है। वीवीपैट के कम से कम 50 फीसदी पेपर ट्रेल को गिनना अब और भी आवश्यक हो गया है।

सिंघवी ने आगे कहा कि हम उच्चतम न्यायालय जाएंगे और ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे पर देशव्यापी अभियान चलाएंगे। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि 21 राजनीतिक दल 50 प्रतिशत मतदान पर्चियों का मिलान ईवीएम से कराए जाने की मांग कर रहे हैं।

टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू और सिंघवी ने कहा कि हम ईवीएम का मुद्दा लेकर फिर से सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। नायडू ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है। नायडू शनिवार को भी ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत लेकर चुनाव आयोग पहुंचे थे। उनका आरोप था कि आंध्र प्रदेश में गुरुवार को पहले चरण की वोटिंग के दौरान 4 हजार से ज्यादा ईवीएम में खराबी आई थी।

रविवार को उन्होंने कहा, ‘हम ईवीएम के मुद्दे पर फिर से सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। बहुत कम देश हैं जो ईवीएम का इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर हमें वोटर्स का विश्वास जीतना है तो बैलट पेपर का इस्तेमाल करना होगा।’

इससे पहले शनिवार को नायडू ने लोकसभा चुनावों में ईवीएम की खराबी के मुद्दे पर चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की। नायडू ने आयोग से ” चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता को बनाए रखने और लोकतंत्र की भावना की रक्षा करने” के लिए बैलेट पेपर प्रणाली की मांग की।

11 अप्रैल को, आंध्र प्रदेश के कुछ जिलों में मतदान ईवीएम की खराबी के कारण बाधित होने के बाद, नायडू ने चुनाव आयोग से राज्य में मतदान के समय के विस्तार के लिए अनुरोध किया था ताकि तकनीकी खराबी के कारण खोए समय की भरपाई की जा सके।

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