ईवीएम छेड़छाड़ मामले में अब दो महीने बाद सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया है कि विधानसभा चुनाव में मतदान के लिए इस्तेमाल की गयीं इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) से छेड़छाड़ करने के आरोपों को लेकर दायर की गई याचिका की सुनवाई आठ हफ्तों के बाद की जाएगी। यह याचिका वकील मनोहर लाल शर्मा की ओर से दायर की गई थी।
वकील मनोहर लाल शर्मा ने आज (27 मार्च) सुनवाई की तारीख को लेकर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जगदीश सिंह खेहर के सामने इस मामले का उल्लेख किया था। इससे पहले जगदीश सिंह खेहर, जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया था और इस पर जवाब मांगा है।
याचिका में वकील एम एल शर्मा ने मांग की थी कि केंद्र सरकार को कथित तौर पर ईवीएम मशीन से छेड़छाड़ करने की जांच करने के लिए एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए जाएं। याचिका में मांग की गई है कि प्रतिष्ठित इलेक्ट्रॉनिक लैब/वैज्ञानिक और सॉफ्टवेयर एक्सपर्ट से ईवीएम मशीन की गुणवता, सॉफ्टवेयर और हैक करने के बारे में जांच करवाई जाए और आगे की कार्रवाई के लिए कोर्ट में इसकी रिपोर्ट पेश की जाए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई जांच करवाने की मांग को लेकर कोई भी फैसला देने से मना कर दिया है।
बता दें, विधानसभा चुनावों के रिजल्ट आने के बाद उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। इसके बाद मायावती ने चुनाव आयोग को एक पत्र भी लिखा था, जिसका जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने इन आरोपों को आधारहीन बताया था। चुनाव आयोग ने कहा था कि ईवीएम से छेड़छाड़ संभव नहीं है। वहीं केजरीवाल ने दिल्ली के आगामी एमसीडी चुनावों में ईवीएम के स्थान पर बैलट पेपर से चुनाव करवाने की मांग की थी। वहीं अन्ना हजारे ने बैलट पेपर से चुनाव करवाने की मांग को देश के पीछे ले जाने वाला बताया था।