ईवीएम को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक, सोमवार को चुनाव आयोग से की जाएगी बात

ईवीएम को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक, सोमवार को चुनाव आयोग से की जाएगी बात

नई दिल्ली। अगले आम चुनाव में ईवीएम की जगह बैलेट पेपर के पुराने पैटर्न से चुनाव कराये जाने की मांग को लेकर विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधि मंडल सोमवार को चुनाव आयोग में दस्तक देगा।

विपक्षी दलों के नेताओं की आज दिल्ली में सम्पन्न हुई बैठक में नेताओं ने तय किया कि सोमवार शाम को सांय 5.30 बजे विपक्षी दलों के नेताओं का एक प्रतिनिधि मंडल चुनाव आयुक्त से मुलाकात कर ईवीएम छेड़छाड़ पर अपनी चिंता से अवगत कराएगा।

इस बैठक में शामिल हुए विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा कि ईवीएम को लेकर साझा रणनीति बनायीं जानी चाहिए। जिससे आगामी चुनावो में ईवीएम की जगह मतपत्र का इस्तेमाल किये जाने के लिए चुनाव आयोग को राजी किया जा सके।

वहीँ कुछ नेताओं का मत था कि यदि चुनाव आयोग पुराने पैटर्न से मतपत्रों से चुनाव कराने से इंकार करता है तो वह वीवीपैट पर्चियों सौ फीसदी ईवीएम से मिलान करे।

इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे और एके एंटनी तथा आंध्रप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, राष्ट्रवादी कांग्रेस के मुखिया शरद पवार, समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन, नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, द्रमुक की कनिमोई, भाकपा के डी राजा, माकपा के मोहम्मद सलीम एवं के टीके रंगराजन, राजद के मनोज झा, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन, झारखंड मुक्ति मोर्चा के अशोक कुमार सिंह, हम के जीतन राम मांझी और टीजेएस के प्रोफेसर कोडांदरम शामिल हुए।

विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में ‘किसान, रोजगार, संस्थाओं पर हमले, नोटबंदी और भ्रष्टाचार के मुद्दों’ को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उनकी सरकार पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ होने जा रही है।

राहुलगांधी ने बजट में सरकार द्वारा घोषित ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ योजना के संदर्भ में आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने किसानों को प्रतिदिन 17 रुपये देने का प्रावधान कर उनका अपमान किया है।

ईवीएम के मुद्दे पर विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक के बाद गांधी ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, ‘‘चुनाव किसान के मुद्दे पर, रोजगार के मुद्दे पर और संस्थाओं पर हमले के मुद्दे पर होगा। प्रधानमंत्री के भ्रष्टाचार और राफेल मामले पर चुनाव होगा। उन्होंने कहा, अगले कुछ महीनों में मोदी और उनकी सरकार पर राफेल, नौकरियों और नोटबंदी जैसे मुद्दों सर्जिकल स्ट्राइक होने जा रही है।

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