ईवीएम के मुद्दे पर चुनाव आयोग पहुंचा विपक्ष
नई दिल्ली। ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग को लेकर आज तयशुदा कार्यक्रम के मुताबिक विपक्षी दलों के नेताओं ने चुनाव आयोग से मुलाक़ात की। इससे पहले विपक्षी दलों के नेताओं की एक बैठक हुई। जिसमे पश्चिम बंगाल में सीबीआई प्रकरण को लेकर भी चर्चा हुई।
ईवीएम के मुद्दे पर चुनाव आयोग पहुंचे विपक्ष के नेताओं का नेतृत्व आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एम चंद्रबाबू नायडू ने किया। उनके साथ राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलामनबी आज़ाद, कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़के, आनंद शर्मा,अहमद पटेल, बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा, समाजवादी पार्टी नेता राम गोपाल यादव, एनसीपी नेता मजीद मेमन, आप सांसद संजय सिंह, आरजेडी सांसद मनोज झा, सीपीआई के डी राजा, जेडीएस के दानिश अली और एआईयूडीएफ के बदरूद्दीन अजमल भी मौजूद थे।
विपक्षी दलों के नेताओं ने चुनाव आयोग को दिए अपने ज्ञापन में कहा है कि ईवीएम से चुनाव कराने की स्थिति में 100 प्रतिशत वीवीपैट की व्यवस्था की जाए। साथ ही चुनाव परिणाम में 50 प्रतिशत वीवीपैट पर्चियों का मिलान सुनिश्चित किया जाए। साथ ही यह मांग भी की गई है कि जिन सीटों पर जीत का अंतर 5 प्रतिशत हो, वहां सारे वीवीपैट पर्चियों की गिनती की जाए।
चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद आँध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि चुनाव में पारदर्शिता लाने के लिए हमे पुराने बैलेट पेपर के पैटर्न पर वापस आना पड़ेगा लेकिन कम समय में बैलेट पेपर से चुनाव कराना सम्भव नहीं है तो पचास फीसदी वीवीपैट पर्चियों का मिलान होना चाहिए।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़के ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को बताया कि विपक्षी दलों के नेताओं का प्रतिनिधि मंडल चुनाव आयोग से मिलने गया था और इस प्रतिनिधि मंडल ने ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराये जाने की मांग चुनाव आयोग के समक्ष रखी है।
उन्होंने बताया कि हमने चुनाव आयोग से कहा है कि यदि बैलेट पेपर से चुनाव कराना अभी सम्भव नहीं है तो चुनाव में कम से कम 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों की गिनती करने का काम सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
वहीँ आयोग की ओर से एक बयान जारी कर बताया गया कि आयोग ने राजनीतिक दलों के नेताओं को आश्वासन दिया है कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा और उन पर विचार किया जाएगा।