ईडी ने चिदंबरम के पुराने मामले में वो कानून लगाया जो उस वक्त था ही नहीं: सिंघवी
नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया केस में सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई जारी है। मंगलवार को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की तरफ से उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि पी. चिदंबरम पर जो केस चल रहा है, वह शुरू से ही गलत है।
सिंघवी ने कहा कि ईडी ने पी. चिदंबरम के पुराने मामले में वो कानून लगाया जो उस वक्त था ही नहीं। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा कहा गया है कि FIPB ने अप्रूवल 2007 में दिया, रेवन्यू डिपार्टमेंट ने 2008 में नोट लिया। FIPB ने बाद में 2008 में क्लीयेरेंस लिया, लेकिन उससे पहले कुछ नहीं था। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ये केस शुरू से ही गलत चल रहा है।
सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि FIR के मुताबिक केस 15 मई 2009 को रजिस्टर हुआ. इसके अलावा PMLA एक्ट भी जुलाई 2009 में शेड्यूल हुआ। उन्होंने कहा कि जब कानून कथित अपराध होने के बाद में बना है, तो फिर वह पहले से क्यों लागू हो रहा है।
सिंघवी ने कहा कि संवैधानिक कानून कहता है कि किसी व्यक्ति पर उस अपराध का आरोप नहीं लगाया जा सकता है जो अपराध के घटने के समय अपराध नहीं था। इसके अलावा न ही उसे अपराध के लिए निर्धारित से अधिक सजा दी जा सकती है। सिंघवी ने दलील दी कि जब आपातकाल की घोषणा हो तब भी अनुच्छेद 20, 21 बने रहते हैं।
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि PMLA एक्ट तो कम से कम 30 लाख की रिश्वत में रहता है, लेकिन इस मामले में तो 10 लाख की रिश्वत के आरोप लगे हैं। उन्होंने कहा कि जो कानून इसमें लगाया गया है वो कथित क्राइम होने के बाद बना है, ऐसे में ये गलत नीति है।