ईडी की एफआईआर पर शरद पवार की चुनौती, 27 को खुद जायेंगे ईडी के दफ्तर

ईडी की एफआईआर पर शरद पवार की चुनौती, 27 को खुद जायेंगे ईडी के दफ्तर

मुंबई। महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक घोटाले में एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उनके भतीजे के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किये जाने के बाद महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल आने की संभावनाएं बन रही हैं।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आज मुंबई में प्रवर्तन निदेशालय के ऑफिस के समक्ष बड़ा प्रदर्शन किया। वहीँ दूसरी तरफ एनसीपी सुप्रीमो ने ईडी की इस कार्रवाही को पूरी तरह झूठा करार दिया।

शरद पवार ने कहा कि वे कभी किसी बैंक से निदेशक नहीं रहे और न ही किसी बैंक के निदेशक मंडल के सदस्य रहे हैं। पवार ने ईडी को चुनौती देते हुए कहा कि वे खुद 27 तारीख को ईडी के दफ्तर जाएंगे।

शरद पवार ने कहा कि मैं किसी बैंक का संचालक नहीं रहा। मैं 27 सितंबर को ईडी के दफ्तर जाऊंगा। मुझे बाबा साहेब पर पूरा भरोसा है। मुझे झुकना नहीं सिखाया गया है।

इससे पहले शरद पवार ने ईडी द्वारा एफआईआर दर्ज किये जाने पर कहा था कि अगर मुझे जेल जाना पड़े तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है। मुझे खुशी होगी क्योंकि मुझे जेल का अनुभव कभी नहीं हुआ है। अगर किसी ने मुझे जेल भेजने की योजना बनाई है, तो मैं इसका स्वागत करता हूं।

क्या है मामला:

गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक घोटाले मामले में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, उनके भतीजे अजीत पवार और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत एनफोर्समेंट केस इंफॉर्मेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की गई है, जो पुलिस की एफआईआर के समान होती है।

ईडी ने यह मामला मुंबई पुलिस की उस एफआईआर के आधार पर दर्ज किया है जिसमें बैंक के पूर्व अध्यक्ष, महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री अजीत पवार और सहकारी बैंक के 70 पूर्व पदाधिकारियों का नाम है।

इस घोटाले में 2007 से 2011 के बीच आरोपियों की मिलीभगत से बैंक को करोड़ों रुपये का नुकसान होने का आरोप है। आरोपियों में 34 जिलों के विभिन्न बैंक अधिकारी शामिल हैं। यह नुकसान चीनी मिलों तथा कताई मिलों को ऋण देने और उनकी वसूली में अनियमितता के कारण हुआ।

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TeamDigital