इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावो में होगी कांग्रेस की अग्नि परीक्षा

इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावो में होगी कांग्रेस की अग्नि परीक्षा

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में पराजय के बाद अब कांग्रेस की उन राज्यों में अग्नि परीक्षा होगी जहाँ इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। इस वर्ष महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड, सिक्किम में विधानसभा होने हैं। वहीँ यदि और जम्मू कश्मीर से राष्ट्र्पति शासन हटाया जाता है तो वहां भी इसी वर्ष विधानसभा चुनाव कराये जा सकते हैं।

जिन राज्यों में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं उनमे से महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा में बीजेपी की सरकार है। वहीँ जम्मू कश्मीर में राष्ट्र्पति शासन लागू है। राष्ट्रपति शासन से पहले जम्मू कश्मीर में पीडीपी और बीजेपी की सरकार थी। वहीँ सिक्किम में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट सत्तारूढ़ है।

जानकारों की माने तो विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए कमबैक करने का बड़ा मौका साबित हो सकते हैं। यदि कांग्रेस महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा में बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने में कामयाब रहती है तो निश्चित तौर पर वह देश की राजनीति में एक बार फिर खुद को साबित कर पाएगी।

आज दिल्ली में संपन्न हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में इस बात के संकेत मिले हैं कि आने वाले दिनों में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के कार्यालय से जुड़े लोगों को हटाया जा सकता है।

गौरतलब है कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कुछ सदस्यों ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के कार्यालय से जुड़े लोगों को कटघरे में खड़ा किया था। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जब अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की बात कही तो महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने कहा कि पराजय की ज़िम्मेदारी सामूहिक होती है। इसलिए राहुल गांधी के इस्तीफे का कोई कारण ही नहीं बनता।

कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस नेताओं ने एकमत से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को संगठन में व्यापक स्तर पर फेरबदल करने और पार्टी को चुस्त दरुस्त बनाने के लिए ज़रूरी कदम उठाने का एकाधिकार दिया।

इसलिए माना जा रहा है कि राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और जम्मू कश्मीर में संगठन में बड़ी फेरबदल देखने को मिल सकती है। इतना ही नहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राज्यों के प्रभारियों को बदल सकते हैं साथ ही नए प्रदेश अध्यक्ष भी न्युक्त कर सकते हैं।

पार्टी सूत्रों की माने कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव में पार्टी की पराजय के लिए ज़मीनी स्तर पर संगठन की मौजूदगी न होना भी एक बड़ा कारण मानकर चल रही है। कार्यसमिति की बैठक में अधिकतर नेताओं का मत था कि कांग्रेस ने इस बार चुनाव पिछले चुनावो से कहीं अधिक आक्रामक तरीके से लड़ा लेकिन वह मतदाताओं से वोट निकलवा पाने में असफल रही।

फिलहाल देखना है कि लोकसभा चुनाव में मिली पराजय से पार्टी सबक लेकर क्या नए कदम उठाती है। चूँकि विधानसभा चुनावो में बहुत अधिक समय बाकी नहीं हैं, इसलिए पार्टी को बेहद तीव्र गति से अपने कामो को अंजाम देना होगा।

जानकारी के मुताबिक इस वर्ष अक्टूबर में महाराष्ट्र में, अक्टूबर-नवंबर में हरियाणा में, और वर्ष के अंत तक झारखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं। यदि जम्मू कश्मीर से राष्ट्रपति शासन हटाया जाता है तो वहां भी इस वर्ष विधानसभा चुनाव हो सकते हैं।

कांग्रेस की सबसे बड़ी अग्नि परीक्षा राज्यों में गठबंधन को लेकर होगी। महाराष्ट्र में कांग्रेस, एनसीपी गठबंधन है, झारखंड में कांग्रेस ने पहले से महागठबंधन बनाया हुआ है। वहीँ हरियाणा में बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस को कोई मजबूत साझीदार तलाशना पडना।

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TeamDigital