इशरत जहां मामले में नया मोड़ : गवाह को पहले ही करा दी गई थी पूछताछ की रिहर्सल!

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नई दिल्ली । इशरत जहाँ फ़र्ज़ी एनकाउंटर की जांच के पेपर कागजातों की जांच के लिए बनाई गई एक सदस्यीय टीम के सदस्य बीके प्रसाद ने गवाह को पहले ही बता दिया था कि उसे जांच के दौरान सवालो के क्या जबाव देने हैं । अंग्रेजी अख़बार द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस संदर्भ में प्रसाद का ऑडियो रिकॉर्डिंग इंडियन एक्सप्रेस के पास मौजूद है ।

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार इशरत जहां एनकाउंटर केस में ‘गायब कागजातों’ की जांच का नेतृत्‍व करने वाले केन्‍द्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारी बी.के. प्रसाद ने ना सिर्फ एक गवाह को पूछे जाने वाले सवाल बताए, बल्कि यह भी बताया कि उसे जवाब क्‍या देना है- कि उसने कोई कागजात नहीं देखे। जांच का नेतृत्‍व कर रहे अधिकारी की यह कोचिंग लोकसभा में 10 मार्च को केन्‍द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा घोषित की गई जांच पर सवाल खड़े करती है।

रिपोर्ट के अनुसार जांच का मकसद यू‍पीए सरकार के दूसरे एफिडेविट- जिसमें इशरत के लश्‍कर से कथित लिंक और 15 जून, 2015 को उसकी हत्‍या की जांच की सीबीआई से जांच की इजाजत दी गई थी, की परिस्थितियों का पता लगाना था। प्रसाद ने अपनी रिपोर्ट गुरुवार को सौंप दी जिसमें गायब कागजात पर कोई निष्‍कर्ष नहीं निकला है।

इंडियन एक्सप्रेस का दावा है कि 25 अप्रैल को दोपहर करीब 3.45 बजे द इंडियन एक्‍सप्रेस ने वर्तमान में एडिशनल सेक्रेट्री (विदेशी) प्रसाद को फोन किया था। उनसे पूछा गया था कि सरकार ने चीनी मूल के डोलकुल इसा को वीजा देने से क्‍यों मना कर दिया। बातचीत को स्‍पष्‍ट रूप से लिखने के लिए यह कॉल रिकॉर्ड की गई थी। बातचीत के दौरान, प्रसाद ने द इंडियन एक्‍सप्रेस का फोन होल्‍ड पर रखा और दूसरे फोन पर इशरत जहां एनकाउंटर केस के गायब डॉक्‍युमेंट्स की जांच पर बात कर रहे थे। यह बातचीत भी द इंडियन एक्‍सप्रेस ने रिकॉर्ड की।

गवाह को करायी गई रिहसल
द इंडियन एक्‍सप्रेस ने पुष्टि की कि प्रसाद ने वाणिज्‍य मंत्रालय के अशोक कुमार, ज्‍वाइंट सेक्रेट्री (संसद, हिन्‍दी विभाग और कोर्ट केसेज की मॉनि‍टरिंग के नोडल अफसर) से बात की थी। प्रसाद ने कुमार को बताया कि इशरत जहां के मिसिंग पेपर्स की जांच में उन्‍हें उन सभी अफसरों से एक सवाल पूछना होगा: “आपने ये पेपर देखा?” प्रसाद ने आगे कुमार को बताया, ”आपको कहना है कि मैंने ये पेपर नहीं देखा… सीधी सी बात है।”

प्रसाद ने यह भी बताया, “कुछ और जवाब देने से इस बात का शक पैदा होगा कि अधिकारी ने पेपर गायब करने में कोई भूमिका निभाई है।” “आपको इतना तो कहना होगा कि वह फाइल ही मैंने कभी जिंदगी में डील नहीं की, फाइल का देखने का कभी मौका ही नहीं मिला।” प्रसाद ने कुमार से यह भी कहा, “और दूसरा सवाल होगा, क्‍या किसी ने आपको यह दस्‍तावेज अलग से रखने को दिए दिए? आप बोलोगे, नहीं, मेरे को किसी ने नहीं दिया।”

क्या कहना है पी चिंदंबरम का
वहीं कांग्रेस के नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने मोदी सरकार पर इशरत जहां मामले में दायर दो हलफनामों को लेकर ‘फर्जी विवाद’ पैदा करने और लापता फाइलों की रिपोर्ट के साथ‘छेड़छाड़ करके’ तैयार करने का आरोप लगाया है। रिपोर्ट में यह कहा गया है कि इशरत जहां मामले से जुड़ी गुम हुई फाइलों की जांच कर रहे पैनल ने एक गवाह को ‘प्रताड़ित’किया। इसके बाद चिदंबरम ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि समाचार रिपोर्ट ने मामले में केंद्र सरकार की ओर से दायर दो हलफनामों पर राजग सरकार द्वारा पैदा किए गए ‘फर्जी विवाद को व्यापक रूप से उजागर’ कर दिया है।

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