इफ्तार पार्टी से संघ का यू टर्न, कहा हम नहीं वो कर रहे हैं इफ्तार पार्टी
नई दिल्ली । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने गुरुवार को कहा कि वह किसी इफ्तार पार्टी का आयोजन नहीं कर रहा है और इस बारे में मीडिया में आई खबरें ‘तथ्यात्मक रूप से गलत’ हैं। आरएसएस के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा, ‘आरएसएस द्वारा इफ्तार पार्टी का आयोजन करने की मीडिया की खबरें तथ्यात्मक रूप से गलत हैं। हम ऐसी किसी भी पार्टी का आयोजन नहीं कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘इफ्तार का आयोजन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) कर रहा है। यह राष्ट्रीय जागरुकता पैदा करने वाला एक स्वतंत्र मुस्लिम संगठन है।’ यह पूछे जाने पर कि क्या आरएसएस, एमआरएम की इफ्तार पार्टी का समर्थन करता है? इसके जवाब में वैद्य ने कहा, ‘वे मुसलमान हैं जो मुसलमानों के लिए इफ्तार का आयोजन कर रहे हैं। हमें उससे क्या करना है और हमें कोई आपत्ति क्यों होगी?’
आरएसएस द्वारा इफ्तार पार्टी के आयोजन की खबरें खासकर उर्दू मीडिया से तब उभरीं जब एमआरएम ने घोषणा की कि वह दो जुलाई को इफ्तार पार्टी का आयोजन कर रहा है। एमआरएम को आरएसएस से संबद्ध संगठन माना जाता है। आरएसएस के नेता इंद्रेश कुमार एमआरएम के मार्गदर्शक हैं।
हालांकि, वैद्य ने कहा कि एमआरएम से इंद्रेश कुमार का कोई औपचारिक संबंध नहीं है। वैद्य ने कहा, ‘इंद्रेशजी आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी हैं और एमआरएम से संपर्क रखते हैं। वह एमआरएम में औपचारिक रूप से किसी पद पर नहीं हैं।’
एमआरएम से आरएसएस के रिश्ते पर वैद्य ने कहा, आरएसएस राष्ट्रीय मुद्दों पर एमआरएम से अपने विचार साझा करता है और किसी भी राष्ट्रीय कारण के लिए एमआरएम के राष्ट्रीय जागरुकता कार्यक्रम का समर्थन करता है।
आरएसएस के आशीर्वाद से एमआरएम का गठन 2002 में हुआ था। तब शुरू में इसे ‘राष्ट्रवादी मुस्लिम आंदोलन-एक नई राह’ कहा जाता था। इसका मकसद हिंदू और मुसलमानों की खाई को पाटना बताया जाता है। इस संस्था का साल 2005 में पुन: नामकरण मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के रूप में किया गया।