इन राज्यों से बिगड़ रहा है बीजेपी की सत्ता में वापसी का खेल
नई दिल्ली(राजा ज़ैद )। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने देश के 07 राज्यों में अभूतपूर्व प्रदर्शन कर खुद को 272 के आंकड़े तक पहुँचाया था लेकिन इस बार हालात बदले हुए हैं।
इस बार न तो बीजेपी को मोदी हवा का सहारा है इसके विपरीत उसे पिछले पांच साल के कामकाज का व्यौरा भी जनता के सामने रखना है। इस बार के आम चुनाव को लेकर बीजेपी नेता और उसके सहयोगी दल दावे कुछ भी करें लेकिन इस बड़ी सच्चाई को भी नहीं नकार सकते कि इस बार कई राज्यों में हवा उनके पक्ष में नहीं है।
पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 07 राज्यों में कुल 211 सीटें जीती थीं। इनमे बिहार में 22, गुजरात में 26, कर्नाटक में 17, महाराष्ट्र में 23, राजस्थान में 25, उत्तर प्रदेश में 71 और मध्य प्रदेश में 27 सीटें जीतने में कामयाब रही थी।
इस बार चुनाव में बीजेपी ने सहयोगी दलों के लिए अधिक सीटें छोड़ी हैं। बिहार और महाराष्ट्र में बीजेपी पिछले चुनाव की तुलना में कम सीटों पर चुनाव लड़ रही है। चुनावी विश्लेषकों की माने तो इस बार बीजेपी के लिए राह 2014 जैसी आसान नहीं है। ज़ाहिर है जिन राज्यों से सर्वाधिक सीटें जीती थीं वहां सीटें कम होना तय है।
चुनावी विश्लेषकों के मुताबिक बीजेपी की सबसे बड़ा नुक्सान उत्तर प्रदेश में होता दिख रहा है लेकिन अन्य राज्यों में भी वह पहले जैसा करिश्मा करने की स्थति में नहीं है।
विश्लेषकों के मुताबिक पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने गुजरात और राजस्थान की सभी सीटें जीती थीं जबकि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी उसका प्रदर्शन काफी बेहतर रहा था। हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में तीन अहम राज्य गंवा चुकी बीजेपी के लिए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पुराना प्रदर्शन दोहरा पाना मुमकिन नहीं होगा।
ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने जिन सात राज्यों के ज़रिये सत्ता हासिल की थी, उन्ही राज्यों से उसे बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। विश्लेषकों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बीजेपी को आधे से अधिक सीटें गंवानी पड़ सकती हैं वहीँ मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मिलाकर उसे कम से कम 35 से 40 सीटों का नुकसान हो सकता है।
यानि 2014 के लोकसभा चुनाव में जिन सात राज्यों से बीजेपी ने 211 सीटें हासिल की थीं उन्ही राज्यों में बीजेपी को लगभग 100 सीटों का नुक्सान हो सकता है।
यदि महाराष्ट्र और बिहार को फिलहाल छोड़ भी दिया जाए और यह मान लिया जाए कि बीजेपी इन दोनों राज्यों में 2014 के प्रदर्शन को दोहराएगी तब भी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात और कर्नाटक में उसे कम से कम 100 सीटें गंवानी पड़ सकती हैं। ऐसी स्थति में बीजेपी के लिए पिछले चुनाव वाला 272 सीटों का आंकड़े तक पहुंचना मुश्किल होगा।
हवा नहीं है बल्कि हवा निकल रही है :
चुनावी विश्लेषकों की माने तो 2014 में जिन राज्यों से बीजेपी की जीत की हवा बनी थी फिलहाल उन्ही राज्यों में बीजेपी की हवा निकल रही है। उत्तर प्रदेश में सपा बसपा गठबंधन और प्रियंका गांधी द्वारा कांग्रेस को संजीवनी देने के अलावा मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सत्ता जाने से बीजेपी पिछड़ती दिख रही है।
वहीँ असम में एनआरसी, हरियाणा में कानून व्यवस्था, महाराष्ट्र, झारखंड और उत्तराखंड में एंटी एन्कम्वेंसी बीजेपी के लिए बड़ी मुश्किलों के तौर पर उभर कर सामने आयी हैं। हालाँकि कुछ चैनल अपने ओपिनियन पोल में अभी भी दावे कर रहे हैं कि बीजेपी का प्रदर्शन 2014 के मुकाबले और बेहतर होगा। इस सब के बावजूद धरातल पर ऐसी कोई चीज़ नज़र नहीं आ रही।