इन तरीको से आपकी जेब ढीली कर रही मोदी सरकार

नई दिल्ली । देश में अच्छे दिन लाने का वादा करने वाली नरेन्द्र मोदी सरकार आपकी जेब पर गुपचुप तरीके से हमले कर रही है । इन हमलो से बेखबर आम आदमी दिन रात मेहनत करके महंगाई से लड़ाई लड़ रहा है उसे मालूम ही नही कि वह जिस जेब को भरने की कोशिश कर रहा है उसमे घुसपैठ हो चुकी है और उसकी जेब से मेहनत का पैसा धीमे धीमे खिसक रहा है । केंद्र सरकार द्वारा लागू की गयी कुछ नयी शर्तो से आपकी जेब 4 तरीके से ढीली हो रही है ।

आपका खाना और टेलीफोन बिल हुआ महंगा :

मोदी सरकार नवंबर, 2015 से 0.5 फीसदी स्‍वच्‍छ भारत सेस वसूल रही है। यह सेस सभी टैक्‍सेबल सेवाओं पर वसूला जा रहा है। इस सेस की वजह से आपको बाहर खाना खाने, टेलीफोन बिल और ट्रैवेल के लिए अधिक पैसा चुकाना पड़ रहा है। मोदी सरकार का कहना है कि स्वच्‍छ भारत सेस के तौर पर वसूला जा रहा पैसा मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्‍ट स्‍वच्‍छता अभियान खर्च किया जाएगा। सरकार का अनुमान है कि स्वच्छ भारत सेस से सालाना लगभग 10,000 करोड़ रुपये कलेक्‍ट किया जाएगा।

सड़क बनाने के नाम पर आपके लिए कार की कीमतें बढ़ीं :

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केंद्रीय बजट 2016 17 में इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर सेस की घोषणा की थी। 4 मीटर तक लंबी और 1200 सीसी तक इंजन कैपेसिटी वाली पेट्रोल, एलपीजी, सीएनजी से चलने वाली कारों पर 1 फीसदी इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर सेस लग रहा है। वहीं 4 मीटर तक लंबी और 1500 सीसी इंजन कैपेसिटी वाली डीजल कारों पर 2.5 फीसदी सेस लग रहा है। जबकि बड़ी सेडॉन और एसयूवी पर इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर सेस लग रहा है। इससे आपको कार खरीदने पर 2,500 रुपये से 1 लाख रुपये अधिक चुकाना पड़ रहा है।

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खेती को सुधारने के नाम पर बढ़ गया आपका रेस्‍टोरेंट बिल :

मोदी सरकार 1 जून, 2016 से 0.5 फीसदी कृषि कल्‍याण सेस वसूल रही है। कृषि कल्‍याण सेस सभी टैक्‍सेबल सेवाओं पर वसूला जा रहा है। इसकी वजह से आपका रेस्‍टोरेंट बिल, मोबाइल बिल और टैवेल एजेंट बिल बढ़ गया है। सरकार को वित्त वर्ष 2017 में कृषि कल्‍याण सेस से 5,000 करोड़ रुपये इकठ्ठा होने उम्‍मीद है। सरकार का कहना है कि यह पैसा देश में खेती की स्थिति को बेहतर बनाने और किसानों के कल्‍याण पर खर्च किया जाएगा।

कार-बाइक चलाने का खर्च भी बढ़ा:

मोदी सरकार के सत्‍ता में आने के बाद अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में बड़े पैमाने पर कमी आई है। सरकार ने तेल कीमतों में आई कमी के अनुपात में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती नही की। इसके बजाए सरकार ने समय समय पर एक्‍साइज ड़यूटी बढ़ा कर आम जनता को तेल कीमतों पर राहत मिलने का रास्‍ता बंद कर दिया। सरकार का तर्क है कि राजस्‍व बढ़ा कर अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूती देना जरूरी है। इससे सरकार जनता के लिए चलाई जा रही कल्‍याणकारी योजनाओं पर अधिक पैसा खर्च कर सकेगी।

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