आज़ादी के बाद पहली बार पिछले 6 दिनों से खाली है अटॉर्नी जनरल का पद

आज़ादी के बाद पहली बार पिछले 6 दिनों से खाली है अटॉर्नी जनरल का पद

नई दिल्ली। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी का तीन वर्ष का कार्यकाल 11 जून को पूरा हो चुका है। उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा कि वह कार्यकाल का विस्तार नहीं चाहते हैं। उनकी जगह अभी तक किसी नए अटॉर्नी जनरल की न्युक्ति नहीं की गयी है। आजाद भारत में संभवत:पहली बार ऐसा है जब अटॉर्नी जनरल का पद खाली है।

इस बारे में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि रोहतगी ने बेहद अच्छा काम किया है लेकिन सरकार रोहतगी केआग्रह का सम्मान करेगी। सरकार समय पर उचित निर्णय लेगी। रोहतगी फिलहाल लंदन में हैं। अब देखने वाली बात है कि सरकार क्या निर्णय लेती है।

कुल रोहतगी ने पिछले महीने सरकार को पत्र लिखकर कहा था कि अटॉर्नी जनरल के लिए उनकेनाम पर विचार न किया जाए, बावजूद इसके प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने पिछले दिनों अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी के कार्यकाल का विस्तार करने का निर्णय ले लिया।

एसीसी ने मुकुल रोहतगी के अलावा सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार और चार एडिशनल सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह, तुषार मेहता, पीएस नरसिंहा और पिंकी आनंद के कार्यकाल बढ़ाने का निर्णय लिया है।

विधि विभाग की वेबसाइट पर गत आठ जून को विधि अधिकारियों की अपडेट की गई सूची में मुकुल रोहतगी का कार्यकाल 11 जून को खत्म होने का जिक्र हैं।

वहीं सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह, तुषार मेहता, पीएस नरसिंहा और पिंकी आनंद का कार्यकाल छह जुलाई तक के लिए था लेकिन उनका कार्यकाल सात जून से ही बढ़ा दिया गया। हालांकि पीएस पटवालिया का कार्यकाल नहीं बढ़ाया गया है। पटवालिया ने काफी पहले सरकार के समक्ष इच्छा जताई थी वह निजी प्रैक्टिस करना चाहते थे।

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TeamDigital