अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार के लिए आयी एक और बुरी खबर
नई दिल्ली। देश की चरमराती अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए जहाँ सरकार हर सम्भव कोशिशें कर रही है वहीँ सरकार के लिए अब एक और बुरी खबर है। अगस्त में आठ कोर क्षेत्रों का उत्पादन निगेटिव जोन में चला गया है।
उत्पादन में गिरावट मुख्य रूप से कोयला, कच्चा तेल, नेचुरल गैस, सीमेंट और बिजली क्षेत्र में रही। इन क्षेत्रों का उत्पादन 0.5 फीसदी घट गया जबकि पिछले साल अगस्त में कोर सेक्टर की विकास दर 4.7 फीसदी रही है।
सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अगस्त अवधि में बुनियादी उद्योगों की उत्पादन वृद्धि दर 2.4 फीसदी है। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में इसी अवधि में इनकी वृद्धि दर 5.7 फीसदी थी। यह पिछले 45 माह के सबसे निचले स्तर पर है। जुलाई मेंआठ कोर सेक्टर में ग्रोथ रेट केवल 2.1 फीसदी रहा था। पिछले साल इसी दौरान यह 7.3 फीसदी था।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक आठ कोर उद्योगों का संयुक्त सूचकांक 128.2 पर रहा। इन क्षेत्रों में कोयला, कच्चा तेल, नेचुरल गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट, फर्टिलाइजर, स्टील, सीमेंट और बिजली आते हैं।
कोयला में 8.6 फीसदी, कच्चा तेल में 5.4 फीसदी, सीमेंट में 3.9 फीसदी और बिजली क्षेत्र में 4.9 फीसदी उत्पादन कम रहा। हालांकि स्टील में 5 फीसदी और फर्टिलाइजर में 2.9 फीसदी उत्पादन बढ़ा।
इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी 5.8 फीसदी से घटकर के पांच फीसदी रह गई है। वित्त मंत्रालय के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने इन आंकड़ों को जारी किया है। पिछले साल यह इसी दौरान आठ फीसदी के पार थी। वहीं पिछले वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में यह 5.8 फीसदी थी।