पूर्व नौकरशाहों का पीएम को पत्र : जो आपकी विचारधारा से सहमत नहीं उसे देशद्रोही कहा जाता है

पूर्व नौकरशाहों का पीएम को पत्र : जो आपकी विचारधारा से सहमत नहीं उसे देशद्रोही कहा जाता है

नई दिल्ली। देश के 65 पूर्व नौकरशाहों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला खत लिखकर देश में बढ़ रहे ‘उग्र-राष्ट्रवाद’ को बंद कराने की अपील की है।

पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा गया है कि “वर्तमान में मोदी सरकार की आलोचना करने वालों को देश विरोधी ठहराया जा रहा है। इससे आलोचना की गुंजाइश खत्म होती जा रही है। हाल में गोरक्षा को लेकर हिंसा के मामले और धर्म के आधार पर लोगों को बांटे जाने के कई केस सामने आए। इन पर रोक लगाई जानी चाहिए।”

पत्र लिखने वालों में 91 वर्षीय हर मंदर सिंह भी शामिल हैं। इसके अलावा पूर्व केंद्रीय संस्कृति सचिव जवाहर सरकार, आर्थिक मामलों के विभाग के पूर्व सचिव ई.ए.एस सरमा और मुंबई के पुलिस आयुक्त रह चुके जूलियो रिबेरो भी शामिल हैं।

पूर्व नौकरशाहों ने सरकार से अपील की है कि वह देश में बढ़ते उग्र-राष्ट्रवाद और अधिनायकवाद से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाए। एक खुले पत्र में उन्होंने कहा कि कथित गोरक्षकों की हरकतों जैसी हालिया घटनाओं को लेकर बेचैनी की वजह से उन्हें इस बारे में अपने ऐतराज और संदेह को जाहिर करना पड़ रहा है।

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) एवं अन्य केंद्रीय सेवाओं के पूर्व अधिकारियों की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है, हमारे पुरखों की दृष्टि के अनुसार हमें भारत के संविधान की भावना को फिर से जीवंत करना है और उसका बचाव करना है।

पत्र में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में किए गए कथित सांप्रदायिक चुनाव-प्रचार का भी जिक्र किया गया। पूर्व नौकरशाहों ने पत्र में कब्रिस्तान-श्मशान वाले विवादित बयान, उत्तर प्रदेश के दादरी में अखलाक हत्याकांड, राजस्थान में पहलू खान हत्याकांड जैसी घटनाओं का जिक्र किया है।

 

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