छत्तीसगढ़ में “गोदी मीडिया” ने नहीं छापे कांग्रेस के विज्ञापन, प्रेस काउन्सिल में शिकायत
रायपुर। क्या देश में मीडिया का बंटवारा हो चूका है या सरकार का इतना भय है कि मीडिया अपनी मर्ज़ी से निर्णय नहीं ले पा रहा। ये सवाल उस वक़्त पैदा हुआ जब छत्तीसगढ़ में जाने माने समाचार पत्रों ने बीजेपी सरकार पर निशाने वाले कांग्रेस के विज्ञापनों को छापने से इंकार कर दिया।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने प्रेस काउंसिल को लिखी चिट्ठी में कहा है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे के वक्त कांग्रेस बीजेपी से कुछ सवाल पूछना चाहती थी, लेकिन इन सवालों वाले विज्ञापनों को छापने से राज्य के तकरीबन सारे अख़बारों ने इनकार कर दिया। कांग्रेस का आरोप है कि मीडिया पर बीजेपी सरकार के दबाव के चलते उसके विज्ञापन नहीं छपे गए।
एनडीटीवी के मुताबिक बघेल ने कहा कि केवल एक ही अखबार ने उनका ऐड छापा। उन्होंने कहा कि “हमने जो विज्ञापन तैयार किये थे उनमें छत्तीसगढ़ के राशन (नान) घोटाले समेत मुख्यमंत्री के विदेश में खाते होने की खबरों के आधार पर सरकार को घेरा गया था। हमने समाचार पत्रों को विज्ञापन दिये थे और उनके छपने की दरें भी तय हो गई थीं फिर अचानक सभी अख़बारों ने हमारे विज्ञापन छापने से मना कर दिया।” छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने गुरुवार को इन मुद्दों को लेकर रायपुर में विरोध प्रदर्शन किया। बघेल कहते हैं कि उनका विज्ञापन केवल देशबंधु में छपा।
देशबंधु में छपे कांग्रेस के विज्ञापन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “न खाऊंगा, न खाने दूंगा” के नारे को याद दिलाते हुये राज्य सरकार पर 3600 करोड़ के नान घोटाले, विदेशों में काले धन और शराब बिक्री में 1500 करोड़ रुपये कमीशन खाने का आरोप लगाया गया है।” हम सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और आवाज़ उठा रहे हैं लेकिन सरकार की कलई खोलने वाले हमारे विज्ञापन न छपना दिखाता है कि मीडिया सरकार के बहुत दबाव में है।”