RBI गवर्नर राजन बोले- देश के बाहर नहीं अंदर बढ़ रही असमानता

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नई दिल्ली। आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि देशों के बीच असमानता कम हो रही है, लेकिन उनके अंदर बढ़ रही है। राजन ने असमानता दूर करने के लिए शिक्षा को सर्वसुलभ बनाने पर जोर दिया। राजन ने कहा कि इसका खर्च आम लोगों के वहन करने लायक बनाना चाहिए।

शिव नादर यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि अनुसंधान से संबद्ध यूनिवर्सिटीज में आम कॉलेजों के मुकाबले पढ़ाई ज्यादा खर्चीली है। जब तक तकनीक और शिक्षकों का एक साथ बेहतर उपयोग करना नहीं सीख लेते अच्छी अनुसंधान यूनिवर्सिटीज में शिक्षा महंगी बनी रहेगी। सभी योग्य छात्रों के लिए इसे सुलभ बनाने की जरूरत के मद्देनजर डिग्री का खर्च लोगों के वहन करने लायक बनाना होगा।

इस समस्या के दो समाधान हैं। पहला, बैंकों से शिक्षा लोन उपलब्ध कराना है। लेकिन इसमें यह भी ध्यान देने की जरूरत है कि शिक्षा लोन की भरपाई वही लोग कर पाते हैं जो साधन संपन्न होते हैं। जिनकी आर्थिक स्थिति खराब होती है या जो पढ़ाई के बाद कम वेतन वाली नौकरी पाते हैं, उनके लोन पूर्ण या आंशिक तौर पर माफ करने होते हैं। दूसरा समाधान है परोपकार। यह यूनिवर्सिटी के संस्थापक ही नहीं, पूर्व छात्र भी कर सकते हैं। राजन ने पूर्व छात्रों में दान की परंपरा विकसित करने की आवश्यकता बताई।

राजन ने कहा कि छात्रवृत्ति या दूसरी तरह की छूट लेकर पर पढ़ाई करने वाले बाद में अपनी कमाई से मौजूदा या आने वाले छात्रों की छात्रवृत्ति का इंतजाम कर सकते हैं। राजन ने कहा कि साधन संपन्न परिवार में जन्मे लोगों को इसका फायदा मिलता है। सुव्यवस्थित अर्थव्यवस्थाएं भी उनके हित में दिखती हैं। इस प्रकार देशों के अंदर विषमता बढ़ रही है।

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TeamDigital