नमाज़ पढ़ने को लेकर दर्ज FIR पहली विवेचना में ग़लत पाई, अब एक्सपंज कर दी गई।
उत्तर प्रदेश: (मुरादाबाद) आप को बता दें कि मुरादाबाद में घर में नमाज़ पढ़ने को लेकर जो FIR दर्ज की गई थी वो पहली विवेचना में ही ग़लत पाई गई और मात्र एक दिन में एक्सपंज कर दी गई। इस मामले को लेकर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का बड़ा बयान सामने आया था। ओवैसी इस मामले को सुनते ही आग बबूला हो गए। इस पर असदुद्दीन ओवैसी ने मुरादाबाद पुलिस और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को अहम जिम्मेदार ठहराया था।
उन्होंने कहा था कि क्या अब लोगों का घरों में नमाज पढ़ना भी गैरकानूनी हो गया है खुले में नमाज पढ़ने को लेकर सभी को आपत्ति होती है तो क्या अब मुसलमान घरों में भी नमाज नहीं पढ़ सकेंगे . लेकिन अब मुरादाबाद पुलिस का बड़ा बयान सामने आया है।उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से एक पोस्ट को साझा किया है। देखिए
ग्राम दूल्हेपुर में वादी चन्द्रपाल आदि ने सामूहिक नमाज पढ़ने को लेकर PS छजलैट पर मुकदमा पंजीकृत कराया था, विवेचनोपरान्त घटना का प्रमाणित होना नहीं पाया गया। अतः विवेचना को मय जुर्म खारिजा रिपोर्ट समाप्त (एक्सपंज) किया गया,शेष विधिक कार्यवाही तद्नुसार सम्पन्न की जायेगी।@ANINewsUP pic.twitter.com/MZQEzlQSUH
— MORADABAD POLICE (@moradabadpolice) August 30, 2022
शिकायत कर्ताओं का यह कहना था कि इससे पहले यहां पर कभी भी सामूहिक तरीके से नमाज नहीं पढ़ी गई है। जिससे लोगों को लगता है कि यदि मुसलमान एक साथ नमाज पढ़ेंगे तो माहौल खराब हो सकता है। शिकायत करता हूं का यह भी कहना है कि यहां पर नई परंपरा शुरू की जा रही है इससे पहले भी एक बार नमाज इसी तरह से पढ़ी गई थी तब भी हमने शिकायत की थी तो इन लोगों ने नमाज पढ़ना इस सामूहिक तरीके से बंद कर दिया था।
लेकिन अब मुरादाबाद में घर में नमाज़ पढ़ने को लेकर जो FIR दर्ज की गई थी वो पहली विवेचना में ही ग़लत पाई गई और मात्र एक दिन में एक्सपंज कर दी गई। अब लोगों की प्रशासन से यह उम्मीद है कि प्रशासन को चाहिये इस प्रकार की झूठी FIR दर्ज कर माहौल ख़राब करने का प्रयास करने वालों के ख़िलाफ़ उचित कार्यवाही करे। और जाँच को अपने तरीके से निष्पक्ष करें।