शिवराज सरकार के मंत्रियों वाली 14 सीटों पर हाथी रोक रहा रास्ता

शिवराज सरकार के मंत्रियों वाली 14 सीटों पर हाथी रोक रहा रास्ता

भोपाल ब्यूरो। मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में बीजेपी की परेशानियां थमने का नाम नहीं ले रहीं। उपचुनाव में सभी 28 सीटों पर बसपा उम्मीदवारों की मौजूदगी से खुश हो रही बीजेपी को अब अपनी ही सर्वे रिपोर्ट पर यकीन नहीं हो रहा।

पार्टी सूत्रों की माने बहुजन समाज पार्टी उम्मीदवारों को लेकर बीजेपी को उम्मीद थी कि हाथी अपनी चाल से कांग्रेस कांग्रेस को रौंदेगा और इसका फायदा बीजेपी को मिलेगा लेकिन चुनाव से पहले बीजेपी के आंतरिक सर्वे में रिपोर्ट इसके विपरीत आई है। हाथी की उलटी चाल बीजेपी को आधे से अधिक सीटों पर भारी पड़ती दिख रही है।

सूत्रों ने कहा कि शिवराज सरकार के मंत्रिओं वाली सभी सीटें खतरे में हैं। इसका अहम कारण बसपा उम्मीदवारों की मौजूदगी है। सर्वे में सामने आया है कि बहुजन समाज पार्टी की चुनाव में मौजूदगी पर कांग्रेस को कोई खास नुकसान नहीं हो रहा है बल्कि इसका नुकसान बीजेपी को हो रहा है।

सूत्रों कहा कि सर्वे में सामने आया है कि इस बार कांग्रेस का वोटर एकजुट है और वह बड़ी तादाद में इधर उधर नहीं खिसक रहा। जबकि बीजेपी से जुड़ा रहा अनुसूचित जाति का मतदाता उससे छिटक कर या तो कांग्रेस में जा रहा है या बहुजन समाज पार्टी में जा रहा है।

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सूत्रों के मुताबिक सर्वे में खुलासा हुआ है कि अनुसूचित जाति से जुड़े मतदाताओं पर बीजेपी इस बार अपना भरोसा बनाने में असफल रही है। इसका अहम कारण बीजेपी के वे 25 उम्मीदवार हैं, जिन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देकर शिवराज सरकार बनवाई थी।

सूत्रों ने कहा कि बड़ी तादाद में हुए दलबदल को लेकर मतदाताओं के अंदर बीजेपी को लेकर भरोसे में कमी आई है। वहीँ मतदाता इस बार कमलनाथ सरकार के 15 महीने के कार्यकाल और शिवराज सरकार के 15 साल के कार्यकाल का आंकलन कर रहा है।

सूत्रों ने कहा कि हरदीप सिंह डंग, गोविंद सिंह राजपूत और इमरती देवी जैसे उम्मीदवारो के इलाके में भी इस बार पहले जैसा मामला नहीं है। यहाँ बीजेपी की उम्मीदवारों की प्रतिष्ठा दांव पर है। सूत्रों ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश शिवराज सरकार में शामिल 25 में से 13 मंत्रियों की हार हुई थी और सर्वे रिपोर्ट में यह दोबारा रिपीट होने की संभावना जताई गई है।

फिलहाल देखना है कि चुनाव की तारीख आते आते हाथी का रुख किधर रहता है। फिलहाल इतना तय है कि कांग्रेस ने कई मायनो में बीजेपी पर बढ़त बना ली है और उपचुनाव में पूरी कांग्रेस एकजुट दिख रही है। मध्य प्रदेश में 28 सीटों के उपचुनाव के लिए 3 नवंबर को चुनाव होना है और 10 नवंबर को परिणाम घोषित किये जाएंगे।

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