मंदिर निर्माण में आ रही मुश्किलें, अब बदली हुई तकनीक से होगा राम मंदिर निर्माण कार्य

मंदिर निर्माण में आ रही मुश्किलें, अब बदली हुई तकनीक से होगा राम मंदिर निर्माण कार्य

अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य की तकनीक में बदलाव किया जाएगा। यह फैसला मंदिर निर्माण में आ रही मुश्किलों को देखते हुए लिया गया है। 1200 पिलर वाले राम मंदिर के निर्माण के लिए अब एलएनटी और टाटा कंपनी के अधिकारी और इंजीनियर बदली जाने वाली नई तकनीक को लेकर फैसला करेंगे।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मंदिर निर्माण स्थल की मिटटी में कुछ खामियां हैं। इसके चलते मंदिर निर्माण कार्य में मुश्किलें आने के बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अधिकारियों और मंदिर निर्माण में लगे विशेषज्ञों और निर्माण समिति की बैठक में ये फैसला लिया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण में बाधा आने की जानकारी मुहैया कराई गई थी। कहा गया है था कि मंदिर के नीचे भुरभुरी मिट्टी होने के कारण पाइलिंग यानी पिलर डालने में समस्या की बात सामने आई।

राममंदिर ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने कहा था कि आईआईटी, इंजीनियरिंग संस्थानों और निर्माण कंपनियों के विशेषज्ञों के साथ इस संबंध में चर्चा की जा रही थी। राय के मुताबिक टेस्टिंग में पिलरों को 125 फीट की गहराई तक ले जाया गया था और 28 दिनों के बाद उसे 700 टन वजन के साथ-साथ भूकंप के झटके देकर जांच किया गया, लेकिन परिणाम मानदंडों के अनुसार नहीं आए, जिसके चलते काम वहीं रुक गया।

उन्होंने कहा कि पश्चिमी तरफ पानी का प्रवाह है, जहां सरयू नदी से पवित्र अभयारण्य बनाया जाना है। 17 मीटर नीचे तक कोई ‘मूल मिट्टी’ नहीं है और उसके नीचे एक भुरभुरी मिट्टी पाई जा रही है, जो नींव को मजबूत पकड़ बनाने से रोकता है।

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TeamDigital