2019 चुनाव के लिए कांग्रेस में बड़े बदलाव के साथ ये है राहुल गाँधी का नया प्लान

नई दिल्ली। पांच राज्यों में विधानसभा चुनावो के परिणाम आने के बाद उत्तर प्रदेश में बड़ी हार और गोवा और मणिपुर में सरकार बनाने के करीब होने बावजूद खाली हाथ रही कांग्रेस में चिंतन मनन का काम जारी है।

सच्चाई यही है कि कई प्रदेशो में लगातार सत्ता से बाहर रहने पर कार्यकर्ताओं को संजोये रखना भी मुश्किल हो रहा है। ऐसे में कांग्रेस के अनुभवी नेताओं ने नई रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है।

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी नई रणनीति के तहत कार्यकर्ताओं से सीधे मेलजोल रखेंगे। जिला स्तर पर कांग्रेस पदाधिकारियों को निर्देश दिया जाएगा कि वे कांग्रेस कार्यालयों में अधिक समय दें। इतना ही नहीं ब्लॉक स्तर पर कांग्रेस अध्यक्षों को कार्यालय सुचारु रूप से खोलने के लिए भी कहा जायेगा।

सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का सुझाव है कि ब्लॉक स्तर पर पार्टी कार्यालयों को एक्टिव रूप से चलाने से ज़मीनी कार्यकर्ताओं को काम करने में आसानी होगी वहीँ ग्रामीण क्षेत्रो के लोगों को पार्टी से आसानी से जोड़ा जा सकेगा।

सूत्रों ने कहा कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्यप्रदेश सहित कई प्रदेशो में अध्यक्षों को बदला जाएगा। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश में जिन विधानसभा क्षेत्रो में कांग्रेस उम्मीदवारों को 30 हज़ार से कम वोट मिले हैं वहां के जिला और महानगर अध्यक्षों को भी बदले जाने का सुझाव है।

सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनावो की तैयारी के लिए इस वर्ष के अंत तक पूरा कार्यक्रम जारी कर देगी। इससे पहले सभी प्रदेशो में जो अहम बदलाव किये जाने हैं उनको अंतिम रूप दे दिया जायजा ताकि जहाँ नए अध्यक्ष बनाये जाएंगे उन्हें संगठन को गति देने के लिए एक वर्ष का समय मिल सके।

सूत्रों ने कहा कि पार्टी महागठबंधन में शामिल होकर और बिना महागठबंधन के अकेले चुनाव लड़ने के हिसाब से अपनी पूरी तैयारी रखेगी। यदि आम चुनाव से पहले महागठबंधन नहीं बन सका तो ऐसी स्थति में पार्टी अपने प्लान बी पर अमल कर अकेले चुनाव में उतरेगी। सूत्रों ने कहा कि पूरी रानीति की समीक्षा स्वयं राहुल गाँधी कर चुके हैं और जल्द ही कांग्रेस में नई रणनीति का असर देखने को मिल सकता है।

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