हम क्‍या खाएं ये दिल्‍ली-नागपुर को बताने की जरूरत नहीं

नई दिल्ली। पर्यावरण मंत्रालय द्वारा देशभर में मांस कारोबार के लिए मवेशियों (कैटल) की हत्या और इस मकसद से उनकी बिक्री पर रोक लगाने के बाद यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है।

इस मामले पर केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने कहा कि 'हम क्‍या खाएं क्या नहीं ये दिल्ली या नागपुर से जानने की जरूरत नहीं है. राज्य सरकार अपने राज्य की जनता को उनकी पसंद का हर खाना और सुविधाएं देगी।'

उन्होंने कहा, 'केरल के लोगों को नई दिल्ली और नागपुर में बैठे लोगों से कुछ सीखने की जरूरत नहीं है।' बताते चलें कि नागपुर से उनका इशारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से है, जिसका मुख्यालय नागपुर में ही है।

केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने रविवार को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर केंद्र के निर्णय का विरोध किया था। उन्होंने केंद्र सरकार और आरएसएस पर हमला करते हुए कहा, राज्य के लोगों को नई दिल्ली या नागपुर से खान-पान की आदतों को लेकर सबक सीखने की जरूरत नहीं है।

संघ के विचारक राकेश सिन्हा ने कहा, 'ये लोग सउदी अरब और चीन से मार्गदर्शन ले रहे हैं। इनको नागपुर से सलाह की जरूरत नहीं है। बीफ फेस्टिवल हिंदुओं की भावनाओं को आघात पहुंचाता है।

स्थानीय प्रशासन मंत्री केटी जलील ने कहा, केंद्र के पशु वध से निजात पाने के लिए सरकार नया कानून लाने पर विचार कर सकती है। इस बीच विपक्षी कांग्रेस नीत यूडीएफ ने प्रतिबंध के खिलाफ सोमवार को केरल में ‘काला दिवस’ मनाने का फैसला किया है।

इस बीच पुलिस ने युवक कांग्रेस के कार्यकर्ता रिजिल मुकुलटी और उसके सहयोगियों के खिलाफ शनिवार को कन्नूर में खुलेआम जानवर काटने को लेकर मामला दर्ज किया। केंद्र के प्रतिबंध के खिलाफ कांग्रेस और वामपंथी दलों द्वारा आयोजित पूरे राज्य में ‘बीफ फेस्‍ट’ के दौरान इस कृत्य को अंजाम दिया गया था।

इस मामले की जहाँ कांग्रेस ने निंदा की है वहीँ आरोपी व्यक्ति की स्थानीय यूथ कांग्रेस से छुट्टी कर दी गयी है और यूथ कांग्रेस की इकाई को भग कर दिया गया है।

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TeamDigital