सोनिया गांधी ने पार्टी से कहा- कोई भी नाकामी स्थाई नहीं होती, सिद्धांतों पर कायम रहे कांग्रेस

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नई दिल्ली । चुनावों में मिली करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की कोशिश के तहत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को जोर देकर कहा कि ‘कोई भी नाकामी स्थाई नहीं होती।’

अपने पति और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 25वीं पुण्य तिथि के अवसर पर आयोजित एक स्मृति सभा में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सोनिया ने कहा, ‘अपने सिद्धांतों को ताक पर रखकर हासिल की गई कामयाबी ज्यादा लंबे समय तक नहीं टिकती। यदि कोई सिद्धांतों का पालन करता है, तो कोई भी नाकामी स्थाई नहीं होती।’

पिछले दिनों संपन्न हुए असम, केरल, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद कांग्रेस आलोचनाओं का सामना कर रही है। सामाजिक सद्भाव की वकालत करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘हमें सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देकर और उसे मजबूत कर भारतीय सरजमीं पर गिरे राजीव के खून के एक-एक कतरे का मोल चुकाना है।’

सोनिया ने कहा, ‘हमें सादगी, आधुनिकता, सद्भाव और संवेदनशीलता के उनके मूल्यों का पालन करना होगा। वह उन्हें हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। तभी हम कह सकेंगे कि राजीव हम सब में हैं।’ युवाओं को मताधिकार दिलाने, पंचायतों को अधिकार दिलाने और दूरसंचार एवं संचार के क्षेत्र में क्रांति लाने जैसे योगदानों के लिए दिवंगत प्रधानमंत्री की सराहना करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने देश के विकास की प्रक्रिया में युवाओं और समाज के वंचित वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित की।

सोनिया ने कहा, ‘उनकी ओर से उठाए गए कदमों के कारण ही भारत दुनिया में सिर उच्च्ंचा करके कदम आगे बढ़ा रहा है।’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि समाज, अर्थव्यवस्था और राजनीति में जिन उपलब्धियों के बारे में ‘आज हम जोर-जोर से बोलते हैं’, वह बदलाव राजीव गांधी ने ही शुरू किया था।

सोनिया ने कहा, ‘उन्होंने ही विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के जरिए गरीबों की जिंदगी में समृद्धि लाने का क्रांतिकारी कदम उठाया। उन्होंने ही असम, मिजोरम और दार्जिलिंग में शांति लाने के लिए ठोस कदम उठाए। राजीव जी विश्व-व्यवस्था में भारत को सबसे आगे देखना चाहते थे।’

पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का युवा कांग्रेस की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में मौजूद न होना चर्चा का विषय बना। पी चिदंबरम और ए के एंटनी जैसे कुछ पूर्व मंत्री भी कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे। कार्यक्रम में गुलाम नबी आजाद, दिग्विजय सिंह, जनार्दन द्विवेदी, अजित जोगी सहित कुछ अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

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