शांति के लिए उपवास करेंगे शिवराज, दिग्विजय सिंह ने बताया नौटंकी
भोपाल। किसान आंदोलन की आग में झुलसे मध्यप्रदेश में शांति बहाली के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार सुबह 11 बजे से अनिश्चितकालीन उपवास करेंगे। विपक्ष ने शिवराज के उपवास को नौटंकी करार दिया है।
शिवराज ने कहा कि मैं सुबह 11 बजे से राज्य में शांति लाने के लिए दशहरा मैदान में उपवास करूंगा। इस दौरान लोग मेरे पास आ सकते हैं और मेरे से बातचीत कर सकते हैं। मैं यह उपवास अपने राज्य में शांति कायम करने के लिए कर रहा हूं।
राज्य की बीजेपी सरकार को किसानों के हित में काम करने वाली सरकार बताते हुए शिवराज ने विपक्षी दलों पर हिंसा को भड़काने का आरोप लगाया। शिवराज ने आंदोलनकारियों से बातचीत की अपील दुहराई। शिवराज ने कहा कि मैं आंदोलनकारियों से बातचीत के लिए हमेशा से तैयार हूं।
उन्होंने कहा कि शरारती तत्वों से कड़ाई से निपटा जाएगा। कानून और व्यवस्था को बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है। राज्य के कुछ लोगों ने युवाओं के हाथ में पत्थर थमा दिया है। मुख्यमंत्री ने आंदोलनकारियों से कहा कि अब उनका आंदोलन अराजक हो गया है, इसलिए वह उनसे बातचीत करने की अपील कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री के उपवास पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर टिप्पणी करते हुए कहा कि एक तरफ़ मप्र पुलिस लोगों पर झूंटे मुकदमा लगा कर पकड़ रही है ,बुरी तरह से मार पीट कर रही है जिससे जनता और भड़क रही है।
उपवास के बजाय पुलिस को नियंत्रित करें किसानों पर लगाये गये झूंटे मुक़दमें वापस लें और किसानों की मॉंगे मंज़ूर करें। नौटंकी करना बंद करें।
— Digvijaya Singh (@digvijaya_28) June 9, 2017
आज एक और मंदसौर के नौजवान को मार मार कर पुलिस ने मार डाला। मप्र पुलिस निरंकुश हो गई है और शिवराज शांति के लिये उपवास करने का नाटक कर रहे हैं
— Digvijaya Singh (@digvijaya_28) June 9, 2017
एक तरफ़ मप्र पुलिस लोगों पर झूंटे मुकदमा लगा कर पकड़ रही है ,बुरी तरह से मार पीट कर रही है जिससे जनता और भड़क रही है।
— Digvijaya Singh (@digvijaya_28) June 9, 2017
उन्होंने कहा कि आज एक और मंदसौर के नौजवान को मार मार कर पुलिस ने मार डाला। मप्र पुलिस निरंकुश हो गई है और शिवराज शांति के लिये उपवास करने का नाटक कर रहे हैं।
दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री के उपवास को नौटंकी करार देते हुए कहा कि उपवास के बजाय पुलिस को नियंत्रित करें किसानों पर लगाये गये झूंटे मुक़दमें वापस लें और किसानों की मॉंगे मंज़ूर करें। नौटंकी करना बंद करें।