रेलवे टिकटों पर दी जाने वाली सब्सिडी खत्म करने की तैयारी में मोदी सरकार

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नई दिल्ली । जल्दी ही आपको महंगाई का एक और तगड़ा झटका लगने वाला है । सरकार एलपीजी की तर्ज पर रेलवे टिकटों पर दी जानेवाली सब्सिडी खत्म करने की तैयारी कर चुकी है । रेलवे का दावा है कि यात्रियों को 43 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है ।

हो सकता है कि आपको अगले रेल सफर के लिए ज्यादा जेब ढीली करनी पड़े। रेलवे अब यात्री टिकटों से सब्सिडी खत्म करने का प्लान बना चुकी है, वो भी LPG सब्सिडी की तर्ज पर। रेलवे का दावा है कि अभी यात्री टिकटों पर 43% सब्सिडी दी जाती है। मतलब, रेलवे यात्रियों से लागत का सिर्फ 57 फीसदी ही किराए के तौर पर वसूलता है।

राजधानी से दिल्ली-मुंबई के बीच फर्स्ट एसी का किराया है 4755 रुपये । जो की रेलवे के कुल खर्च का 57 फीसदी है। मतलब, रेलवे 7175 रुपये की लागत वाले टिकट पर आपको 3085 रुपये की सब्सिडी दे रही है । इसी तरह सेकेंड एसी के टिकट पर 1793 रुपये और थर्ड एसी के टिकट पर 1228 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है।

रेलवे के बेस फेयर के अलावा उस पर सर्विस ट्रैक्स और खाने पीने के लिए कैटरिंग चार्च वसूला जाता है जो सीधे उन्हीं के मद में चला जाता है। वहीं अगर दिल्ली से पटना जानेवाली संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस की बात करें तो थर्ड एसी का किराया 1300 रुपये लगता है। रेलवे की लागत 2033 रुपये पड़ती है। मतलब, एसी थर्ड के हर टिकट पर 875 रुपये की सब्सिडी देता है। वहीं, स्लीपर का किराय है-490 रुपये…रेलवे की लागत बैठती है 771 रुपये। मतलब, हर टिकट पर 331 रुपये की सब्सिडी।

फिलहाल, रेलवे सब्सिडी खत्म करने जैसी किसी भी योजना की शुरूआत से इनकार कर रहा है। लेकिन, टिकटों पर लोगों को रेलवे की माली हालत के बारे में लगातार बलाया जा रहा है। रेलवे हर साल यात्री किराए में 34 हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाती है। रेलवे के आंकड़े बताते हैं कि यात्री ट्रेनों के संचालन पर हर साल 76 हजार करोड़ रुपये खर्च होते हैं। जिसमें से वो यात्रिय़ों से सिर्फ 43 हजार ही वसूल पाती है।

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