राष्ट्रपति ने इंदिरा गाँधी को बताया सबसे सक्षम प्रधानमंत्री
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी को सबसे सक्षम प्रधानमंत्री बताते हुए उनके निर्णय लेने की क्षमता की सराहना की। उन्होंने कहा कि इंदिरा गाँधी भारत की सबसे स्वीकार्य प्रधानमंत्री थीं।
इंदिरा गांधी के जीवन पर आधारित एक किताब का विमोचन करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि इंदिरा गाँधी के अंदर नेतृत्व की अद्भुत क्षमता थी। उन्होंने कहा कि 1978 में कांग्रेस में दूसरी बार विभाजन हुआ. बावजूद इसके राज्य विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज की।
राष्ट्रपति मुखर्जी ने अतीत को याद करते हुए कहा, ‘1977 में कांग्रेस हार गयी थी। मैं उस समय कनिष्ठ मंत्री था. उन्होंने मुझसे कहा था कि प्रणब, हार से हतोत्साहित मत हो। यह काम करने का वक्त है और उन्होंने काम किया।’
इस दौरान मंच पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी , पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मौजूद थे। मुखर्जी ने इंदिरा गांधी के कार्यों पर आधारित एक किताब का विमोचन किया। इस किताब का नाम ‘इंडियाज इंदिरा- ए सेंटेनियल ट्रिब्यूट’ है। इस किताब की प्रस्तावना कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लिखी है।
वहीं तबीयत खराब होने के चलते सोनिया गांधी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकीं। राहुल गांधी ने उनका भाषण पढ़ा. भाषण में कहा गया, ‘मैंने इंदिरा गांधी में देशभक्ति का जो जज्बा देखा वह श्रेष्ठ था, जो उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम से आत्मसात किया था। इंदिरा गांधी एक मित्र और सलाहकार थीं। उन्होंने अपनी इच्छाएं मेरे ऊपर नहीं थोपीं. इंदिरा गांधी पद, जाति और संप्रदाय जैसे भेदभाव को नापसंद करती थीं. उन्हें भारतीय होने का गर्व था।