ये नहीं पढ़ा तो कैसे पता चलेगा “जल्दी में क्यों है मीडिया”

ब्यूरो(राजाज़ैद)। यूँ तो पिछले तीन साल से मीडिया से जुड़े कुछ लोग वो सब कर रहे हैं जो किसी पार्टी के प्रवक्ता को करना चाहिए लेकिन अभी हाल में एक चीज़ और गौर करने में आयी है वह यह कि मीडिया कुछ जल्दी में है। सरकार एक बार कहती है मीडिया उसे दस बार कहता है और उसे कहने के लिए तरह तरह के झूठ का सहारा भी ले रहा है।

पिछले दो दशकों में मीडिया की ऐसी दयनीय हालत शायद किसी ने नहीं देखी होगी। देश के कुछ चैनल, सरकार और राजनैतिक दलों के प्रवक्ता की तरह काम कर रहे हैं। मामला कोई भी हो सच्चाई पर पर्दा डालने की कोशिश हो रही है और फ़र्ज़ी रिपोर्टिंग के सहारे अनावश्यक खबरों को प्राथमिकता दी जा रही है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बार कहा कि प्रदेश में 24 घंटे बिजली दी जाएगी। ज़रा बात को गौर से समझिये सरकार ने कहा "दी जायेगी" यानि आज अभी 24 घंटे बिजली देना शुरू नहीं किया। मीडिया ने छापा और दिखाया "योगीराज में यूपी को मिल रही 24 घंटे बिजली", अरे भाई यूपी का एक शहर बताइये जहाँ 24 घंटे बिजली दी जा रही है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दिन में 4 से 5 बार बिजली जा रही है। ये हो सकता है कि लखनऊ के वीआईपी इलाको में न जा रही हो लेकिन बाकी जगह तो कमसेकम कहीं भी 24 घंटे बिजली नहीं दी जा रही।

प्रधानमंत्री ने हिमाचल प्रदेश में घोषणा की कि अब 2500 रुपये में हवाई यात्रा कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई यात्रा कर सके। मीडिया ने इस खबर को चढ़ा बढ़ा कर पेश किया। क्या खबर दिखाने वाला कोई चैनल बता सकता है कि 2500 रुपये में कौन सी एयर लाइंस टिकिट दे रही हैं ?

पाकिस्तान ने भारतीय सैनिको के शवों के साथ बर्बरता दिखाई तो कुछ चैनलों और समाचार पत्रों ने खबर लगा दी कि "भारत ने लिया बदला, मिसाइल से हमले में पाकिस्तान की तीन चौकियां ध्वस्त, पाक के दस सैनिको की मौत।" इस खबर को सत्यापित करने के लिए एक पुराना वीडियो दिखाया गया। शाम होते होते सेना ने इसका खंडन कर दिया। सेना के अनुसार वह वीडियो पुराना है, भारत की तरफ से ऐसी कोई कार्यवाही नहीं की गयी।

पिछले तीन वर्ष से मीडिया अंडर वर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को लेकर खबर दिखा रहा है। इन खबरों में दाऊद इब्राहिम को भारत लाने की बात कही जा रही है। कई चैनलों ने इस पर विशेष कार्यक्रम चलाये हैं लेकिन हकीकत यह है कि सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत विदेश मंत्रालय के प्रत्यर्पण प्रकोष्ठ के सीपीवी खंड से जानकारी में बताया गया कि ‘‘विदेश मंत्रालय को हाफिज सईद और दाऊद इब्राहिम के प्रत्यर्पण या भारत लाने के बारे में भारत की संबंधित जांच एजेंसियों से कोई आग्रह प्राप्त नहीं हुआ है। ’’

एक और खबर में एक नामी चैनल ने खबर दिखाई जिसमे कहा गया कि कश्मीर में जीप से बांधकर एक व्यक्ति को घुमाये जाने के आरोपी अधिकारी को सेना ने क्लीन चिट दे दी है। जबकि सेना के अनुसार ऐसा कुछ नहीं हुआ। जनता का रिपोर्टर के अनुसार "भारतीय सेना ने इंडिया टुडे को लगाई फटकार, अधिकारी को क्लीन चिट देने वाली रिर्पोटिंग को गलत और मनघड़ंत बताया है।"

ये कुछ उदाहरण हैं जिन्हे पढ़कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश का मीडिया कितनी जल्दी में है। वह अपनी मर्ज़ी से ख़बरें बना रहा है और दिखा भी रहा है। यह हाल उनका है जो खुद को देश का नामी और भरोसेमंद पत्रकार कहते हैं।

एक बड़ा सवाल यह है कि अहम मुद्दों से देश के कुछ मीडिया चैनल क्यों भाग रहे हैं। नोटेबंदी को देशभक्ति से जोड़ने वाले कुछ एंकरों को देखकर और सुनकर लगता है जैसे कोई न्यूज़ चैनल न होकर किसी राजनीतिक पार्टी के प्रवक्ता को सुन रहे हों। अफ़सोस की बात यह है कि फ़र्ज़ी ख़बरें चलाने वाले अपने चैनलों पर भूल स्वीकार करने के लिए एक शब्द तक नहीं कहते।

तीन तलाक पर प्रतिदिन खास कार्यक्रम दिखाया जा रहा है लेकिन देश में रोजगारो की घटती तादाद पर इनके पास दिखाने के लिए कोई कार्यक्रम नहीं है। एक और खास बात यह भी है कि तीन तलाक का जो मुद्दा मुस्लिमो से जुड़ा है उस पर बहस करने वाले बीजेपी और संघ के लोगों सहित कुछ ऐसे लोग होते हैं जिन्हे मुसलमानो के बारे में पूरी जानकारी नहीं है। अरे भाई मुस्लिमो से जुड़े मुद्दे पर बीजेपी के लोगों को बुलाने का क्या फायदा ? उनका तीन तलाक पर क्या स्टेण्ड है ये सब को मालूम है।

ठीक इसी तरह एक चैनल पर शहीद हुए सैनिक की पत्नी से लाइव बात करने के लिए बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा को बुलाया गया था। जिन्हे न सेना के और न सरकार के नियमो की जानकारी थी। इसलिए बीजेपी प्रवक्ता चैनल पर लाइव शहीद की विधवा पत्नी से झूठ बोलते रहे। संबित पात्रा ने शहीद परमजीत की पत्नी से कहा कि भारतीय सेना ने उनके पति की शहादत का बदला ले लिया है और आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी। इसकी पोल उस समय खुली जब सेना ने संबित पात्रा की बात को नकारते हुए कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ।

संबित पात्रा ने झूठ बोलते हुए दावा किया कि भारत ने पाकिस्तान की उन दो पोस्ट को उड़ा दिया है जिनसे हमला करने वालों को कवर फायर दिया जा रहा था। संबित ने यह भी कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सेना के सात लोगों को मार गिराया है। संबित ने आगे कहा कि यह केवल नजराना है और आगे भी ऐसी कार्रवाई भारत करता रहेगा। संबित ने ईंट से ईंट बजा देने की भी बात कही।

फिलहाल हालातो को देखकर लगता है कि कुछ मीडिया चैनलों और पत्रकारों की यह भक्ति अभी और ज़्यादा बढ़ सकती है। कारण है जैसे जैसे अगले लोकसभा चुनावों के समय नजदीक आएगा वैसे वैसे उन्हें अपना वॉल्यूम तेज करना पड़ेगा।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital