मेजर गोगोई के सम्मान पर विपक्ष ने उठाये मोदी सरकार के इरादों पर सवाल

नई दिल्ली। कश्मीर में एक व्यक्ति को जीप से बांधकर घुमाने वाले सेना के मेजर गोगोई को सम्मान दिए जाने पर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है। विपक्ष का आरोप है कि इस मामले में जाँच पूरी होने से पहले सम्मान बांटकर सरकार कश्मीर की शांति को खुद पलीता लगा रही है।

जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता शरद यादव और ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।

यादव ने कहा कि इस मामले की जांच पूरी होने से पहले सरकार को ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए था। इससे कश्मीर की स्थिति और बिगड़ेगी। यादव ने कहा कि कश्मीर में स्थिति विकट है। कोई भी कदम जांच के नतीजों के आधार पर उठाना चाहिए।

वहीँ आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि कश्मीर में स्थिति सामान्य नहीं हो पा रही। घाटी में सेना की तलाशी अभियान का नकारात्मक असर हो रहा है।

उन्होंने कहा कि पीडीपी और भाजपा की सरकार राज्य में प्रशासनिक स्थिति सुधारने में विफल रही है। ओवैसी ने सरकार से पूछा कि सेना के 15 बेस कैंप पर आतंकी हमले हुए हैं, इसका कौन जिम्मेदार है? दक्षिण कश्मीर में स्थितियां खराब हैं।

वहीँ मेजर गोगोई को सम्मान देने के खिलाफ नेशनल कॉन्फ्रेंस की महिला विंग ने आज प्रदर्शन किया और अपना विरोध जताया।

भाकपा के वरिष्ठ नेता डी राजा ने कहा कि सेना प्रमुख ने जो किया वह सेना का मसला है। इस पर मुझे कुछ नहीं कहना है। इधर, एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि मेजर गोगोई को सम्मानित करने का भारतीय सेना का फैसला मानवाधिकार का अपमान दर्शाता है। बता दें कि सेना प्रमुख बिपिन रावत ने गोगोई को आतंकवाद निरोधी कार्रवाई के लिए चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कॉमन्डेशन से नवाजा है।

इस मामले में पीड़ित शॉल पर कढ़ाई करनेवाले कारीगर फारूक अहमद डार ने मंगलवार को कहा कि वह पथराव करनेवाला नहीं, बल्कि एक छोटा आदमी है। वह केवल वोट देने के लिए घर से बाहर गया था। बता दें कि सेना ने पिछले महीने डार को जीप की बोनट से बांध कर शहर भर में घुमाया था।

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