मलेशियाई यूनिवर्सिटी ने हिंदुओं और सिखों को बताया ‘अस्वच्छ’

UTM

नई दिल्ली । भारत ने मलेशिया की एक यूनिवर्सिटी के हिंदुओं और सिखों में बारे में नकारात्मक बातें प्रचारित करने और दोनों समुदायों की गलत तस्वीर पेश करने पर कड़ा ऐतराज जताया है। इस यूनिवर्सिटी ने अपने टीचिंग मॉड्यूल में हिंदुओं और सिखों को गंदा बताते हुए कहा है कि ये समुदाय मोक्ष के लिए गंदगी फैलाते हैं।

बता दें कि मलेशिया एक मुस्लिम बहुल देश है और यूनिवर्सिटी के इस बयान के बाद देश के अल्पसंख्यक वर्गों में भी खासी नाराजगी है। उधर मलेशिया में भारत के उच्चायोग ने एक बयान में कहा है कि उच्चायोग चिंतित हैं कि हिंदू धर्म और सिख धर्म के बारे में नकारात्मक और गलत तस्वीर पेश की जा रही है। हिंदू और सिख दो महान धर्म हैं जिनका जन्म भारत से हुआ।

मोक्ष के लिए गंदे रहते हैं हिंदू
मलेशिया की एक नामी यूनिवर्सिटी ने भारत में रहने वाले हिंदुओं को गंदा और अस्वच्छ बताया है। UTM यूनिवर्सिटी के टीचिंग मॉड्यूल में हिंदुओं को गंदा बताते हुए कहा गया है कि वे मोक्ष के लिए अपने शरीर में गंदगी लगाए रहते हैं। इस मामले में डिप्टी एजुकेशन मिनिस्टर पी. कमलनाथन ने आपत्ति जताई तो यूनिवर्सिटी ने आश्वसन दिया कि वह इसका रिव्यू करेगी।

सिख और हिंदू धर्म पर आपत्तिजनक बातें
इस मोडयूल में यह भी दावा किया गया है कि इस्लाम ने ही भारत में हिंदुओं के जीवन में शिष्टाचार शुरू किया। सिख धर्म की उत्पति के अध्यापन पर केंद्रित एक अन्य स्लाइड में दावा किया गया है कि इस धर्म के संस्थापक गुरू नानक की इस्लाम के बारे में मामूली समझ थी और उन्होंने सिख पंथ की स्थापना करने में इसे आसपास की हिंदू शैली के साथ मिला लिया। मलेशियन इंडियन प्रोग्रेसिव एसोसिएशन ने इन स्लाइडों की निंदा करते हुए विश्वविद्यालय से इसे वापस लेने और माफी मांगने की मांग की।

मंत्री ने भी जताया विरोध
कमलनाथन ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘मैंने UTM के वाइस चांसलर से बात की है और उन्हें इस गलती से रूबरू कराया है।’ मामला गरमाया तो यूनिवर्सिटी के दूसरे अधिकारियों ने भी ऐसी गलती दोबारा न होने की बात कही है। मंत्री ने कहा कि मॉडयूल को जानबूझकर गलत बनाया गया था। इसमें हिंदुओं के अलावा सिखों को भी गलत तरीके से पेश किया गया था। उन्होंने हिंदुओं से शांति बनाए रखने की अपील की है।

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