मनरेगा मजदूरों से सरकार का मज़ाक, बेतन वृद्धि के नाम पर यूपी, बिहार में बढ़ाया 1 रूपया

नई दिल्ली। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना (मनरेगा) मजदूरों के लिए इससे बड़ा मज़ाक क्या हो सकता है कि उनके बेतन वृद्धि ने नाम पर उत्तर प्रदेश और बिहार सरकार ने सिर्फ एक रुपये की बढ़ोत्तरी की है।

इंडियन एक्सप्रेस के एक रिपोर्ट के मुताबिक, असम, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में 1 अप्रैल से मनरेगा के तहत दैनिक मजदूरी में केवल 1 रुपए की वृद्धि की गई है। वहीं सूखा प्रभावित राज्यों जैसे तमिलनाडु और उड़ीसा में मजदूरों की दिहाड़ी में 2 रुपए और आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 3 रुपए की बढ़ोत्तरी हुई है।

रिपोर्ट के मुताबिक, मनरेगा में संशोधन के बाद सबसे कम मजदूरी वाले राज्य झारखंड और बिहार हैं। यहां मजदूरों को प्रतिदिन 168 रुपए की दिहाड़ी ही मिलती है। भारत के आर्थिक सर्वेक्षण 2017 के मुताबिक, सबसे ज्यादा आउट-माइग्रेशन झारखंड में है। यहां न्यूनतम कृषि मजदूरी 224 रुपये प्रति दिन है। इसके अलावा अगर सबसे ज्यादा दिहाड़ी देने वाले राज्य की बात करें तो इसमें हरियाणा पहले स्थान पर है। यहां मजदूरों को 277 रुपए ही मजदूरी मिलती है जो पिछले साल 259 रुपए था।

बता दें कि पिछले साल मनरेगा के तहत मजदूरों की दिहाड़ी में 5.7 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई थी। इससे पहले वित्त मंत्रालय ने ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा स्थापित एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को खारिज कर दिया था जिसमें राज्यों में अकुशल कृषि मजदूरों को दिए गए न्यूनतम मजदूरी के बराबर उन्हें लाने के लिए मनरेगा के मजदूरी के निष्पक्ष संशोधन की मांग की गई थी।

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