बीजेपी और संघ से जुड़े संगठनों को किसानो ने किया बाहर, आंदोलन जारी
नई दिल्ली। महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में बीजेपी सरकार किसी तरह भाजपा और संघ समर्थक किसान संगठनों को आंदोलन से अलगथलग करने में कामयाब ज़रूर रहीं लेकिन यह बीजेपी सरकारों की यह राजनीति परत दर परत खुलते चली गयी। किसानो को जल्द ही समझ आ गया कि उनके साथ राजनीति हो रही है।
बीजेपी और संघ समर्थित किसान संगठनों के आंदोलन से पीछे हटने के बावजूद पांचवे दिन अन्य किसान संगठनों ने सरकार से हुए समझौते पर सवाल उठाते हुए अपना आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया।
अब दोनों राज्यों में किसान आंदोलन जारी है, बस फर्क इतना है कि इस आंदोलन से बीजेपी और संघ मानसिकता वाले नेताओ को किसानो ने अलग कर दिया है। वहीँ अब किसान आंदोलन के ज़ोर पकड़ने से कई इलाकों में दूध और फल-सब्जियों की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। इस दौरान कई हिंसक घटनाएं भी सामने आईं।
मध्य प्रदेश के किसान आंदोलन में शामिल आम किसान यूनियन के नेता केंदार सिरोही ने मीडिया को बताया कि किसान के सामने अब सड़कों पर उतरने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। इसलिए बड़े राजनैतिक दलों और नेताओं के बगैर ही किसान लामबंद हो रहे हैं। हालांकि, भाजपा ने अपने किसान संगठनों के जरिए इस आंदोलन को तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। फिर भी आंदोलन जारी है और किसान अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय किसान संघ (बीकेएस) ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ वार्ता कर आंदोलन खत्म करने का फैसला किया था। लेकिन भारतीय किसान यूनियन, राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ और आम किसान यूनियन का आंदोलन जारी है।
भारतीय किसान मजदूर संघ के नेता शिवकुमार शर्मा ने राज्य सरकार पर किसानों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री किसानों से बात करने के बजाय ऐसे संगठन से बात कर रहे है जिसका इस आंदोलन से कोई लेना-देना ही नहीं है।
भारतीय किसान यूनियन के नेता अनिल यादव ने मुख्यमंत्री के साथ किसी तरह की बातचीत से इंकार करते हुए सोमवार से आंदोलन तेज करने का ऐलान किया है।
महाराष्ट्र में भी फूट डालने की कोशिश :
मध्य प्रदेश की तरह महाराष्ट्र में भी भाजपा और संघ समर्थक किसान संगठनों के जरिए राज्य सरकार ने आंदोलन को दबाने का प्रयास किया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने 2 जून को किसान नेता जयाजीराव सूर्यवंशी के साथ मीटिंग की थी, जिसके बाद किसान आंदोलन खत्म करने की घोषणा की गई। लेकिन वहां स्वाभिमानी किसान संगठन, भूमाता किसान आंदोलन और अन्य संगठनों ने आंदोलन जारी रखा है।
हिंसक हुआ आंदोलन :
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में कई दिनों से जारी किसान आंदोलन हिंसक रूप लेता जा रहा है। सोमवार सुबह प्रदर्शनकारियों ने अहमदनगर जिले में पुलिस टीम पर हमला किया गया, जिसमें एक सब इंस्पेक्टर जख्मी हो गया। आंदोलन के मद्देनजर दूध के टैंकरों को पुलिस सुरक्षा में भेजा जा रहा है। कई जगह दूध व सब्जियों की किल्लत होने लगी है, दाम भी बढ़ रहे हैं।
इससे पहले मध्य प्रदेश में इंदौर के बिजलपुर गांव में किसानों और पुलिस के बीच इतना हिंसक टकराव हुआ कि पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। धार जिले के सरदारपुर कस्बे में कई वाहनों में आगजनी की घटना हुईं। कई जगह किसानों ने दूघ के टैंकर रोककर दूध सड़कों पर बहा दिया। रविवार को रतलाम में भी किसान आंदोलन हिंसक हो गया। पथराव के दौरान एक एएसआई की आंख फूट गई। बेकाबू भीड़ ने पुलिस की तीन गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था। सीहोर में हिंसक टकराव के दौरान कई पुलिसकर्मियों के घायल होने की खबर है।