बाबरी विध्वंस: आडवाणी, उमा, जोशी सहित 13 आरोपियों के खिलाफ सुनवाई दो हफ्ते तक टली

नई दिल्ली । 6 दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद दहाये जाने की साजिश के आपराधिक मुकदमे की सुनवाई दो हफ्ते के लिए टल गयी है। इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, मुरलीमनोहर जोशी तथा विहिप नेताओं सहित कुल 13 लोग आरोपी हैं। सुप्रीमकोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षो से अपनी बातो को लिखित में देने की बात कही है।

इससे पहले कल बुधवार को भी न्यायाधीश आरएफ रोहिंग्टन के पीठ में शामिल न होने के कारण सुनवाई एक दिन के लिए टल गई थी। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति पीसी घोष और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने सुनवाई एक दिन के लिए टालते हुए कहा कि इस मामले की सुनवाई कर रही पीठ उपलब्ध नहीं है। गुरुवार को पीठ में वे ही न्यायाधीश होंगे जिन्होंने इसकी पहले सुनवाई की है। वैसे जस्टिस घोष मई में सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

इस मामले में सीबीआई ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट से भाजपा और विहिप नेताओं पर विवादित ढांचा विध्वंस की आपराधिक साजिश का मुकदमा चलाने की मांग की है। मालूम हो कि पिछली सुनवाई गत छह मार्च को कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि भाजपा और विहिप नेताओं को इस तरह तकनीकी आधार पर नहीं छोड़ा जा सकता है।

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