बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आडवाणी, कल्याणसिंह, जोशी और उमा भारती की मुश्किलें बढ़ीं

नई दिल्ली । बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि महज टैक्निकल ग्राउंड पर आरोपी नेताओं को राहत नहीं दी जा सकती। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से कहा है कि सभी 13 आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश की पूरक चार्जशीट दाखिल की जाए।

गौरतलब है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में भाजपा के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह और उमा भारती समेत 13 बड़े नेताओं पर आरोप हैं। सुप्रीमकोर्ट की आज की टिप्पणी को बेहद अहम माना जा रहा है। इस मामले में अब नज़रें 22 मार्च पर टिकीं हैं ।

कोर्ट ने सीबीआई से कहा कि इस मामले में सभी 13 आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश की पूरक चार्जशीट दाखिल करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बाबरी विध्वंस मामले में दो अलग-अलग अदालतों में चल रही सुनवाई एक जगह ही क्यों न हो?

22 मार्च की सुनवाई में फैसला होगा कि 25 साल पुराने इस मामले में आरोपी बीजेपी नेताओं पर फिर से केस चलेगा या नहीं? इस मामले से जुड़े अहम आरोपियों में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह इस समय राजस्थान के राज्यपाल हैं, वहीँ उमा भारती केंद में मंत्री हैं, मुरलीमनोहर जोशी कानपुर से तथा लालकृष्ण आडवाणी गांधीनगर से सांसद हैं।

बता दें कि बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़े दो मामले चल रहे हैं। इनमे लखनऊ का मामला बाबरी मस्जिद के ढांचा गिराए जाने से जुड़ा है। वहीं रायबरेली में भीड़ को उकसाने का केस दर्ज हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दोनों मामलों की सुनवाई एक ही स्थान पर होना चाहिए।

लखनऊ वाले मामले में भाजपा और आरएसएस के 19 बड़े नेताओं पर से आपराधिक साजिश की धाराएं हटाई जा चुकी हैं। इसी को सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। वहीं रायबरेली के मामले में सभी धाराएं बरकरार हैं।

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TeamDigital