पढ़िए : लातेहार के मजदूर क्यों लौटा रहे सरकार को एक रुपया
नई दिल्ली। मजदूर दिवस पर झारखण्ड के श्रमिकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है जिसमे उन्होंने सरकार को एक रूपया वापस देने का ज़िक्र किया है। पत्र में प्रधानमंत्री को सम्बोधित करते हुए लिखा है कि “आज अन्तरराष्ट्रीय मजदूर दिवस है। इस वर्ष आपकी सरकार ने मनरेगा में हमारी मजदूरी सिर्फ 1 रूपए ही बढ़ाई है। यह देश के करोड़ों मनरेगा मजदूरों के साथ एक धोखा है।”
मनरेगा मजदूरों ने लिखा है कि “एक तरफ सातवें वेतन आयोग की अनुशंसाओं के अनुसार, अब सरकारी कर्मचारियों के वेतन व पेंशन पर खर्च लाखों करोड़ों रूपए बढ़ गये हैं। वहीं हम मेहनतकश मजदूरों को सिर्फ 01 रूपए की बढ़ोतरी क्यों? मनरेगा में अत्यंत कम मजदूरी एवं मजदूरी भुगतान नहीं होने से मजदूरों की रूचि नरेगा के प्रति नकारात्मक होने लगी है।”
पत्र में कहा गया है कि “हमें लगता है कि आपकी सरकार के पास पैसे की कमी हो रही है,हमें ऐसा लगता है कि हमसे ज्यादा आपको ही इस 01 रूपये की जरूरत है, आखिर आपकी सरकार के खर्च भी तो इतने सारे हैं। वरना नरेगा की मजदूरी कम से कम राज्य की न्यूनतम मजदूरी तक तो जरूर बढ़ती, (यदि आपको जानकारी न हो, तो झारखण्ड में अभी न्यूनतम मजदूरी 224 रूपये है) इससे कम मजदूरी देना पूरी तरह अन्याय और अवैधानिक है।”
पत्र में निजी कंपनियों को सरकार की तरफ से दी जा रही सुविधाओं का हवाला देते हुए लिखा गया है कि “कम्पनियों को कर व अन्य प्रकार की छूट देने और सस्ते दाम पर जमीन व अन्य संसाधन देने में भी तो आपका पैसा जाता होगा? यह सब सोचते हुए हम नरेगा श्रमिकों ने व्यापक पैमाने पर सामूहिक निर्णय लिया है कि हम आपको झारखण्ड राज्य में बढ़ी हुई नरेगा मजदूरी दर अर्थात् 1 (एक) रूपए आपको वापिस कर रहे हैं। आशा है कि हम सब मजदूरों द्वारा लौटाए गये पैसे से आप अपने कम्पनी मालिक दोस्तों व कर्मचारियों को और खुश कर पाएंगे।”