एग्जिट पोल छापने वाले हिंदी अख़बार दैनिक जागरण के खिलाफ ऍफ़आईआर
नई दिल्ली । चुनाव आयोग की मनाही के बावजूद एग्जिट पोल छापने वाले हिंदी अख़बार दैनिक जागरण के एफ़आईआर दर्ज करने का आदेश दिए गए है । इससे पहले निर्वाचन आयोग ने सोमवार को हिंदी अखबार दैनिक जागरण और एक एजेंसी के खिलाफ़ उत्तर प्रदेश के 15 ज़िलों में एफ़आईआर दर्ज करने का आदेश दिया था । आज पुलिस ने दैनिक जागरण के कानपुर, गाज़ियाबाद और नॉएडा कार्यालयों पर छापेमारी की । इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार अख़बार के ऑनलाइन एडिटर को गिरफ्तार कर लिया गया है ।
गौरतलब है कि चुनाव के सभी चरणों का मतदान पूरा होने से पहले एक्जिट पोल छापना चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के ख़िलाफ़ है। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 ए के अनुसार कोई भी व्यक्ति, 4 फरवरी की सुबह 7 बजे से लेकर 8 मार्च के शाम साढ़े 5 बजे तक कोई एग्जिट पोल नहीं कर सकता या इन नतीजों को प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रकाशित नहीं कर सकता है।
https://twitter.com/Rohinisgh_ET/status/831186639951065089
https://twitter.com/Rohinisgh_ET/status/831204406011977728
वहीँ दैनिक जागरण ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद रिसोर्स डेवलपमेंट इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी के एग्जिट पोल के नतीजे अपनी वेबसाइट में छापे थे।
चुनाव आयोग ने अपने निर्देशों का उल्लंघन का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को एक खत लिखा है. इसमें कहा गया है कि ‘धारा 126ए के तहत किए गए अपराध में 2 साल की कैद या जुर्माना या दोनों सजा ही सजा का प्रावधान है’
वहीँ दैनिक जागरण अखबार ने आज कहा कि उत्तर प्रदेश के एग्जिट पोल के बारे में खबर अनजाने में उसकी अंग्रेजी वेबसाइट पर प्रकाशित हो गई थी और समूह के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इसकी जानकारी मिलते ही फौरन इसे हटा दिया गया था।
एक बयान में अखबार ने कहा, ये साफ तौर पर कहा जा सकता है कि सिवाय अंग्रेजी डिजिटल माध्यम के एग्जिट पोल से जुड़ी कोई भी खबर दैनिक जागरण अखबार में प्रकाशित नहीं हुई।
अखबार ने कहा, अंग्रेजी वेबसाइट पर एग्जिट पोल का जिक्र करते हुए अनजाने में एक खबर प्रकाशित हो गई। हालांकि, जैसे ही समूह के बड़े अधिकारियों के संग्यान में ये खबर आई, गलती का खुद ही सुधार करते हुए इसे फौरन हटा दिया गया।