दुनिया के ये बड़े देश चुनाव में क्यों नहीं करते ईवीएम का इस्तेमाल

नई दिल्ली (राजा ज़ैद)। देश में ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर बड़ी बहस छिड़ी हुई है। जहाँ एक तरफ कई राजनैतिक दलों ने ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर सवाल उठाये हैं वहीँ चुनाव आयोग सभी दलीलों को ख़ारिज करते हुए ईवीएम मशीनों से किसी भी तरह की छेड़छाड़ की सम्भावना से इंकार कर रहा है।

देश में ईवीएम से चुनाव कराये जाने का चलन वर्ष 2009 में शुरू हुआ था। वर्ष 2017 में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावो के बाद ईवीएम से छेड़छाड़ के खिलाफ आवाज़ उठी तो चुनाव आयोग ने ऐसी किसी सम्भावना को नकार दिया। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद ईवीएम से छेड़छाड़ होने की आशंका ज़ाहिर करते हुए सबसे पहले बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने ये मुद्दा उठाया था। जिसका समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने समर्थन किया।

मामला थमा भी नहीं था कि मध्य प्रदेश के भिंड में ईवीएम के ट्रायल के दौरान बीजेपी को वोट पड़ने की खबर से विपक्ष के दावों को और पुख्ता कर दिया। इतना ही नहीं राजस्थान के धौलपुर में विधानसभा के उपचुनाव के दौरान भी कुछ पोलिंग स्टेशन पर वोट गलत पड़ने का मामला प्रकाश में आने के बाद 16 राजनैतिक दलों के नेताओं ने चुनाव आयोग से मुलाकात कर भविष्य में वैलेट पेपर से चुनाव कराये जाने की मांग की थी।

कल आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में ईवीएम टेम्परिंग किये जाने का डेमो दिया था। हालाँकि चुनाव आयोग ने इसे भी नकार दिया है। लेकिन आम आदमी पार्टी का दावा है कि वह चुनाव आयोग की ईवीएम मशीनों को भी हैक करके दिखा सकता है।

जानकारों का कहना है कि जिस देश में ईवीएम मशीन बनायीं जाती है उस देश में ही चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल नहीं किया जाता। इतना ही नहीं अमेरिका, फ़्रांस, जर्मनी जैसे बड़े देशो में भी चुनाव वैलेट पेपर के ज़रिये कराये जाते हैं। इन बड़े देशो में भी ईवीएम के इस्तेमाल से परहेज किया जाता है।

दुनिया के इन बड़े देशो में क्यों नहीं इस्तेमाल होती ईवीएम :

  • नीदरलैंड ने पारदर्शिता ना होने के कारण ईवीएम बैन
  • आयरलैंड ने 51 मिलियन पाउंड खर्च करने के बाद 3 साल की रिसर्च कर भी सुरक्षा और पारदर्शिता का कारण देकर ईवीएम को बैन कर दिया
  • जर्मनी ने ईवोटिंग को असंवैधानिक कहा था क्योंकि इसमें पारदर्शिता नहीं है
  • इटली ने इसलिए ईवोटिंग को खारिज कर दिया था क्योंकि इनके नतीजों को आसानी से बदला जा सकता है
  • यूएस- कैलिफोर्निया और अन्य राज्यों ने ईवीएम को बिना पेपर ट्रेल के बैन कर दिया था
  • इंग्लैंड और फ्रांस ने तो इनका उपयोग ही नहीं किया
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