दलित की बेटी को मंदिर में घुसने से रोका, अपमानित किया
बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश में जातिगत भेदभाव का मामला प्रकाश में आया है। कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत आने वाले एक मंदिर में एक तीन वर्ष की बच्ची मंदिर में घुसने की जिद्द कर रही थी तो उसके नाना उसे मंदिर ले कर पहुंचे। दलित समुदाय से ताल्लुक रखने का हवाला देते हुए मंदिर के पुजारी ने उस बच्ची को मंदिर नहीं देखने दिया।
इतना ही नहीं पुजारी ने बच्ची और उसके नाना को जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए अपमानित करते हुए मंदिर से बाहर निकाल दिया। पुजारी ने मंदिर को ब्राह्मणों का बताकर भविष्य में न आने की चेतावनी दी।
पीड़ित महावीर सिंह राजस्व विभाग में राजस्व निरीक्षक (कानूनगो) के पद से रिटायर्ड हैं। उन्होंने पुलिस में इस मामले की शिकायत की है और कहा है कि “मेरे मोहल्ले में एक शिव मंदिर है, इस मंदिर की देखरेख पुजारी और उसकी पत्नी करती है। गर्मी की छुट्टी के चलते बेटी मायके में आई हुई है। उसकी तीन साल की बच्ची (धेवती) 18 मई की शाम मंदिर जाने की जिद कर रही थी।
शिकायत में कहा गया है कि बच्ची जब मंदिर के गेट पर पहुंची तो पुजारी ने गेट बंद कर दिया। इतना ही नहीं 19 मई की सुबह जब वे स्वयं अपनी धेवती को लेकर मंदिर पहुंचे तो पुजारी और उसकी पत्नी ने मंदिर का दरवाजा बंद कर लिया। जब विरोध किया तो पुजारी ने जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए अभद्रता की। पुजारी ने कहा कि यह मंदिर ब्राह्मणों का है। पुलिस के अनुसार पीड़ित की तहरीर लेकर इस मामले में जांच शुरू कर दी है।