तेजी से दम तोड़ रहा मीट कारोबार, करीब दो लाख लोगों के सामने आजीविका का प्रश्न

नई दिल्ली(राजाज़ैद)। 8 नवंबर को देशभर में नोटबंदी लागू करने का एक बड़ा असर मीट व्यापारियों पर भी पड़ा था। जानवर खरीदने के लिए नगदी का अभाव और उसके बाद नगदी के अभाव में ग्राहकों के अभाव के चलते मीट व्यापार की साँस फूल गयी।

अभी नोटबंदी से उबरे तो उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार सत्ता में आगयी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर मीट कारोबारियों पर लाइंसेंस और कट्टीघरों के संचालन के लिए नए नियमो को आधार बनाकर ताबड़तोड़ कार्यवाही की गयी। नतीजतन उत्तर प्रदेश के मीट कारोबारियों को अपने कारोबारों पर ताला जड़ना पड़ा।

कई शहरो में नगर निगम का लाइसेंस होने के बावजूद प्रशासन ने मीट व्यापारियों का धंधा बंद करा दिया। जिसके बाद उत्तर प्रदेश में मीट व्यापारी हड़ताल पर चले गए लेकिन सरकार ने आश्वस्त किया कि जल्दी ही नगर निगमों को नए लाइसेंस जारी करने के आदेश जारी कर दिए जायेंगे। इसके बावजूद नगर निगमों ने मीट कारोबारियों को लाइसेंस नहीं जारी हुए तो मीट कारोबारियों ने हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया।

हाईकोर्ट ने इस मामले में अहम आदेश देते हुए प्रदेश सरकार से मीट कारोबारियों को लाइसेंस आवंटित करने को कहा लेकिन इस बीच गौरक्षा के नाम पर देश में कई जगह कथित गौरक्षा द्वारा मुस्लिमो पर हमलो ने मीट कारोबारियों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया।

अभी इस दहशत से मीट कारोबारी उभरे भी नहीं थे कि केंद्र सरकार ने पशुवध के लिए मवेशियों की खरीद पर पाबन्दी वाले कानून की अधिसूचना जारी कर दी।
इस कानून के तहत अब पशु मंडियों से कट्टीघरों के लिए जानवर नहीं ख़रीदे जा सकेंगे। सरकार की इस पहल से मीट कारोबारियों के भविष्य पर एक बार फिर प्रश्न चिन्ह लग गया है। मीट कारोबारियों की बड़ी मुसीबत कटान के लिए जानवरो की खरीद है।

हालाँकि सरकार द्वारा जारी की गयी अधिसूचना का कई प्रदेशो में विरोध हो रहा है। वहीँ यह भी खबर आ रही है कि सरकार इस नए कानून के विरोध को देखते हुए इसमें कुछ ढिलाई देने पर विचार कर रही है। मसलन सरकार इस अधिसूचना के कुछ प्रावधानों और भाषा में बदलाव की रूपरेखा तैयार कर रही है। गोवंश (गाय, बैल, बछड़ा) के अलावा अन्य पशुओं को इसके दायरे से बाहर किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार इस संबंध में अगले हफ्ते व्यापक विचार-विमर्श के बाद बदलाव की घोषणा की जाएगी।

फिलहाल मीट कारोबारियों के लिए मुश्किल का समय है। यदि सरकार ने नए कानून को जस का तस लागू किया तो एक अनुमान के अनुसार देश के 80 फीसदी से अधिक कट्टीघर बंद हो जायेंगे जिसका बड़ा असर उन छोटे मीट व्यापारियों पर भी पड़ेगा तो मीट की छोटी छोटी दुकाने चला कर अपना जीवन यापन करते हैं। एक निजी सर्वे के अनुसार यदि सरकार ने यह कानून मौजूदा स्थति वाला ही लागू किया तो केवल उत्तर प्रदेश में करीब दो लाख लोग बेरोज़गार हो जायेंगे।

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